75 वर्षीय दूल्हा जन सम्पर्क विभाग से वाहन चालक के पद से वर्षों पहले सेवानिवृत्त हो गए। विवाह रचा रहे दंपती के पोते-पोती, दोहिते-दोहितियों समेत भरापूरा परिवार है। इनका कहना है कि उनका बाल विवाह हुआ था। जब उन्हें दूल्हे के रूप में घोड़ी पर बिठाया गया तो वे समझते ही नहीं थे कि विवाह क्या होता है।
इसलिए अब फिर विवाह रचाया है। इस विवाह की तैयारियां वैसे ही चल रही हैं, जैसा आमतौर पर विवाह में की जाती हैं। कार्यक्रम के अनुसार बन्ना और बन्नी हाथ का काम १६ मई को होगा। मेहन्दी रात १६ मई को होगी। बारात १७ मई को निवास स्थान से रवाना होकर चित्रा भवन धर्म द्वार के अन्दर जाएगी। १७ मई को प्रीति भोज रखा गया है।