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Election Story : बीकानेर में जब कांग्रेस से कोई चुनाव लड़ने को राजी नहीं था, तब यह उतरे मैदान में

locationबीकानेरPublished: Oct 12, 2023 02:51:10 am

Submitted by:

Brijesh Singh

गोकुलप्रसाद पुरोहित ने 1972 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से खफा होकर पार्टी ही छोड़ दी थी और निर्दलीय ही चुनाव मैदान में आ डटे थे। हालांकि पुरोहित चुनाव हार गए थे। इसके बाद जब 1977 में विधानसभा चुनाव हुए, तो कांग्रेस के सामने टिकट लेने वालों का संकट खड़ा हो गया। आखिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चंदनमल बैद को बीकानेर से पार्टी का प्रत्याशी तय करने के लिए बीकानेर भेजा गया।

...बीकानेर में जब कांग्रेस से कोई चुनाव लड़ने को राजी नहीं था, तब यह उतरे मैदान में
...बीकानेर में जब कांग्रेस से कोई चुनाव लड़ने को राजी नहीं था, तब यह उतरे मैदान में

बीकानेर. बात 1977 के विधानसभा चुनाव की है। उस समय जनता लहर में कांग्रेस से कोई टिकट लेने आगे नहीं आ रहा था। प्रदेश कांग्रेस ने बीकानेर में जिस किसी को भी टिकट के लिए संपर्क किया, सभी मना करने लगे। जबकि उस समय 1972 से 1977 तक गोपाल जोशी बीकानेर शहर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक थे। उन्होंने भी टिकट लेने से इनकार कर दिया। जबकि गोकुलप्रसाद पुरोहित ने 1972 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से खफा होकर पार्टी ही छोड़ दी थी और निर्दलीय ही चुनाव मैदान में आ डटे थे। हालांकि पुरोहित चुनाव हार गए थे और उन्हें महज 6666 मत मिले थे।इसके बाद जब 1977 में विधानसभा चुनाव हुए, तो कांग्रेस के सामने टिकट लेने वालों का संकट खड़ा हो गया। आखिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चंदनमल बैद को बीकानेर से पार्टी का प्रत्याशी तय करने के लिए बीकानेर भेजा गया। उन्होंने यहां कांग्रेस नेता गोपाल जोशी, जनार्दन कल्ला के अलावा गोकुलप्रसाद पुरोहित से संपर्क किया। इन सभी ने मना कर दिया। कल्ला ने कहा कि कांग्रेस से कोई भी प्रत्याशी होगा, उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे।

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