कोरोनाकाल के चलते ट्रेन और बसों की आवाजाही बंद है। वहीं कोविड-19 की गाइडलाइन अनुसार मंदिरों को भी अभी तक खोला नहीं गया है। हालांकि कुछ मंदिरों में दर्शन की ऑनलाइन व्यवस्था की गई है, जिसमें दर्शनार्थियों को सोशल मीडिया के माध्यम से आरती और भगवान को चढ़ाए जाने वाले भोग के दर्शन करवाए जाएंगे।
घर पर ही रहें, दर्शन मिलेंगे
बीकानेर स्थित प्राचीन मरू नायक में इस वर्ष जन्माष्टमी कार्यक्रम पूर्ण रूप से ऑनलाइन रहेगा। मरूनायक मंदिर के ट्रस्टी घनश्याम लखानी ने बताया कि बीकानेर में कोरोना संक्रमण लगातार फैल रहा है। ऐसे में दर्शनार्थियों से अपील की गई है कि वे अपने-अपने घरों में ही रहें, ताकि संक्रमण से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि कोविड-गाइडलाइन के चलते फिलहाल मंदिरों को खोलने की अनुमति नहीं दी है, ऐसे में शहर के कृष्ण मंदिरों में ऑनलाइन आरती और दर्शन उपलब्ध होंगे।
मथुरा में नहीं होंगे दर्शन
मरूनायक मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी घनश्याम लखाणी ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी से कुछ दिन पूर्व बीकानेर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु कृष्ण जन्मस्थली मथुरा जाते हें। लेकिन इस वर्ष मथुरा में दर्शन नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि मथुरा मंदिर के बाहर पुलिस का सख्त पहरा लगा दिया गया है। लखाणी ने बताया कि बीकानेर में धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों के चलते
स्वर्ण आभूषण से होगा श्रृंगार
मरूनायक मंदिर के ट्रस्टी घनश्याम लखाणी ने बताया कि बीकानेर के मरूनायक मंदिर में हर वर्ष जन्माष्टमी के दिन स्वर्ण आभूषणों का श्रृंगार किया जाता है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के चलते भले ही मंदिर बंद रहेंगे, लेकिन भगवान कृष्ण को स्वर्ण श्रृंगार से सुशोभित किया जाएगा। श्रद्धालु भगवान कृष्ण के दर्शन और कंस का वध ऑनलाइन माध्यम से देख सकेंगे।