बीकानेरPublished: Mar 09, 2023 09:10:43 pm
Atul Acharya
भट्टी का ताप भी पिघला न पाया हौसला, कुंदन सा निखरा हुनर
बीकानेर. हौसला मजबूत हो तो उड़ान रोकी नहीं जा सकती। इसको सार्थक करती है बीकानेर की गुड़िया की कहानी। इतना ही नहीं, जिस भट्टी की ताप में मजबूत लोहा भी पिघल जाता है, उसी भट्टी के किनारे अपने हुनर को गुड़िया ने कुंदन की तरह निखारा। अब वह न सिर्फ आत्मविश्वास से भरी नजर आती है, बल्कि परिवार के आर्थिक ढांचे का एक मजबूत स्तंभ भी है। कहानी की शुरुआत कुछ यूं है कि गुड़िया भी बरसों पहले जब ब्याह कर आई थी, तो आम घरेलू महिला जैसी ही थी। घर के काम काज निपटाना उसकी रोजमर्रा की दिनचर्या थी। बीकानेर के शीतला गेट के पास रहने वाली गुड़िया बताती है कि उसका पति भुजिया कारीगर है। पहले वह बीकानेर से बाहर भुजिया बनाता था, लेकिन पिछले 10 साल से पति ने यह काम बीकानेर में ही शुरू कर दिया।