नए कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने, संविदा-अस्थाई-मानदेय कार्मिकों को नियमित करने, केन्द्र एवं राज्य के पे-मेट्रिक्स के अंतर को समाप्त करने सहित सात सूत्री मांग पत्र के समर्थन में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।
संघर्ष समिति के सदस्य जयकिशन पारीक ने बताया कि शिक्षा, कृषि, जनस्वास्थ्य व अभियांत्रिक विभाग, राजस्व, पंचायत समिति, आवासन मण्डल, भूप्रबन्ध, चिकित्सा, पशुपालन, आयुर्वेद, सीएडी, आईजीएनपी आदि विभागों के अधिकांश कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहे और कार्यालयों में राजकीय कामकाज ठप रहा। जिले के अधिकतर राजकीय विद्यालयों में शिक्षक व कार्मिक अवकाश पर रहने से शिक्षण कार्य ठप रहा।
संघर्ष समिति के सदस्य पृथ्वीराज ने बताया कि कर्मचारी मैदान में आंदोलन की आगामी तैयारी के लिए कर्मचारी नेताओं की बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि 11 दिसम्बर से जिला कलेक्ट्रेट पर संघर्ष समिति सदस्य 48 घण्टे का आमरण अनशन शुरू करेंगे तथा 12 दिसम्बर को कार्य बहिष्कार और पेन व टूल डाउन किया जाएगा। 13 दिसम्बर को कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया जाएगा।
बैठक में रेस्टा के प्रदेश उपसभाध्यक्ष मोहर सिंह मीना, रेसला के जिलाध्यक्ष गिरधारी गोदारा, मंत्रालयिक कर्मचारी नेता अविनाश व्यास, सहायक कर्मचारी नेता लक्ष्मण पुरोहित, पशुचिकित्सा कर्मचारी जिलाध्यक्ष रामलाल सुथार, गुरचरणसिंह मान, ताराचंद जयपाल, आनन्द पारीक, श्याम सुंदर हर्ष, सुंदरलाल लूणा, डूंगरराम जाम, धन्नाराम नैण, संजय पुरोहित, सुरेन्द्र जोशी, गुरूप्रीत सिंह, गोविन्द सिंह निर्वाण, वासुदेव सिंह तंवर, गौरीशंकर जोशी, हिंगलाजदान रतनू, मो. इलियास जोईया आदि शामिल हुए।
सामूहिक अवकाश में शिक्षक संघ शेखावत, प्रगतिशील, अम्बेडकर व भगतसिंह, रेसला, रेस्टा, न्यायायिक कर्मचारी संघ, लेखाकार एसोसिएशन, वाहन चालक एवं तकनीकी कर्मचारी संघ, पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ, कृषि पर्यवेक्षक संघ, पंचायत प्रसार-अधिकारी संघ, ग्राम सेवक, पटवार व कानूनगो संघ, सहायक कर्मचारी, सूचना सहायक व कम्प्यूटर-प्रोग्रामर, आवासन मण्डल कर्मचारी, यूआईटी कर्मचारी, आयुर्वेद परिचारक, आयुर्वेद नर्सेज एसोसिएशन, शिक्षा कर्मी संघ, आंगनबाड़ी संघ, पर्यटन विकास यूनियन, आईजीएनपी कर्मचारी संघ, इन्टक आदि शामिल हुए।