विश्व पर्यावरण दिवस पर जागरूकता का इससे बड़ा संदेश हो ही नहीं सकता। पेड़ पौधों, गाय गोचर, को बचाने का अनुष्ठान बीकानेर में वर्षों से चल रहा है। सुबह हो या शाम, आंधी हो या तूफान , सर्दी हो या गर्मी बीकानेर की ये महिलाएं बिना रुके पर्यावरण की संरक्षा करने में जुटी हुई है। बीकानेर की महिलाएं बरसों से पेड़ पौधों को सींच रही है। वे प्रतिदिन समूह में एकत्रित होकर सिर पर घड़ा रखकर पंक्तिबद्ध होकर गोचर भूमि में जाती है ।फोटो नौशाद अली।
विश्व पर्यावरण दिवस पर जागरूकता का इससे बड़ा संदेश हो ही नहीं सकता। पेड़ पौधों, गाय गोचर, को बचाने का अनुष्ठान बीकानेर में वर्षों से चल रहा है। सुबह हो या शाम, आंधी हो या तूफान , सर्दी हो या गर्मी बीकानेर की ये महिलाएं बिना रुके पर्यावरण की संरक्षा करने में जुटी हुई है। बीकानेर की महिलाएं बरसों से पेड़ पौधों को सींच रही है। वे प्रतिदिन समूह में एकत्रित होकर सिर पर घड़ा रखकर पंक्तिबद्ध होकर गोचर भूमि में जाती है ।फोटो नौशाद अली।