माध्यम से पर्यावरण बचाने का संदेश दिया। इस मौके पर भंवरङ्क्षसह, क्षेत्रिय वन अधिकारी आसूसिंह आदि मौजूद रहे।
छतरगढ़. विश्व ओजोन दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को सेंट सोफिया सैकण्डरी स्कूल में वन विभाग की ओर से पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय वन अधिकारी ताजेन्द्र ग्रोवर ने बच्चों को विश्व ओजोन परत दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी दी एवं पर्यावरण के महत्व की जानकारी दी। वनपाल बन्नेसिंह, सहायक वन पाल बजरंगसिंह, हीरालाल आदि ने पौधरोपण किया।
लूणकरनसर. यहां आजाद कॉलोनी में शनिवार को वन विभाग एवं टाईगर फोर्स के संयुक्त तत्वावधान में ओजोन दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वन विभाग के क्षेत्रीय वन अधिकारी मोहरसिंह मीणा ने कहा कि ओजोन परत हमें सूर्य से निकलने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से रक्षा का काम करती है।
नोखा. बीकासर के जय वीर तेजाजी विद्या आश्रम विद्यालय में शनिवार को वन विभाग रेंज की ओर से पर्यावरण संबंधी चित्रकला प्रतियोगिता रखी गई। क्षेत्रीय वन अधिकारी ने बच्चों को पर्यावरण व ओजोन परत को बचाने का संकल्प दिलवाते हुए इसके संरक्षण के बारे में बताया। प्रधान हरिराम ने ओजोन परत के बारे में जानकारी दी।
खाजूवाला. अंतर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस के उपलक्ष्य में चक 31 केवाईडी में स्थानीय लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता क्षेत्रीय वन अधिकारी भागीरथ डूडी ने की। इस मौके पर डूडी ने ग्रामीणों को ओजोन परत के बारे में बताया। संगोष्ठी के बाद ग्रामीणों की मौजूदगी में नहर के किनारे 104 आरडी पर पौधरोपण किया गया। इस मौके पर वनरक्षक प्रवीण बिश्नोई, सीताराम सिद्धू आदि मौजूद थे।
साधासर. कस्बे के श्री बालाजी महाविद्यालय के सभागार में शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस के उपलक्ष्य पर गो ग्रीन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य छात्रों में ओजोन परत की सुरक्षा के प्रति जागरुकता लाना था। कार्यक्रम की शुरुआत ओजोन एक सुरक्षा कवच नामक लघु वार्ता भूगोल व्याख्याता विजेंद्र गोस्वामी द्वारा प्रस्तुत की गई।
दियातरा. विश्व में आज वनों का संरक्षण जरूरी है। वनों से ही ओजोन परत से आने वाले विकिरण से पृथ्वी को बचाया जा सकता है। उक्त विचार गांव की वन पौधशाला में संगोष्ठी में बोलते हुए वनपाल वेदप्रकाश ने व्यक्त किए। कार्यक्रम में पूर्व सरपंच रामनारायण लखेसर, प्रभारी महावीरसिंह, पूर्व उपसरपंच लूणाराम लीलड़, हजारीराम मेघवाल, गंगाराम पडिहार, पूनमराम कङेला, मघाराम, मूलाराम व गिरधारीराम आदि ने विचार व्यक्त किए।