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तीन हजार डाक टिकटों का अनूठा संग्रह

locationबीकानेरPublished: Oct 12, 2020 12:24:39 am

विश्व डाक टिकट दिवस पर विशेष :- पंचास वर्षो से कर रहे डाक टिकट संग्रहईस्ट इंडिया कंपनी से अब तक के डाक टिकट संग्रहित

तीन हजार डाक टिकटों का अनूठा संग्रह

तीन हजार डाक टिकटों का अनूठा संग्रह

बीकानेर. विश्व में डाक टिकटों का अपना इतिहास और महत्व है। डाक टिकट न केवल डाक के आने -जाने के लिए आवश्यक रहे है बल्कि कई लोगों के लिए यह संग्रह के भी माध्यम रहे है। बीकानेर निवासी भारत भूषण गुप्ता पिछले पचास वर्षो से डाक टिकटों का संग्रह कर रहे है। इनके संग्रह में करीब तीन हजार डाक टिकटे है। ईस्ट इंडिया कम्पनी से रियासतकाल और देश की आजादी के बाद प्रचलन में आए डाक टिकटों का पूरा संग्रह है। गुप्ता इन डाक टिकटों के संग्रह में साल दर साल न केवल इजाफा कर रहे है बल्कि स्कूलों और अवसर पर डाक टिकटों की प्रदर्शनी आयोजित कर बच्चों और आमजन को डाक टिकटों के महत्व और उनके इतिहास की जानकारी देने में भी जुटे है। वे बताते है कि पिछले पचास वर्षो से उनका यह सिलसिला जारी है।

 

उनके संग्रह में ईस्ट इंडिया कम्पनी, ब्रिटिश काल, देश की आजादी से पहले और देश की आजादी के बाद से अब तक के करीब तीन हजार डाक टिकट संग्रहित है। इन डाक टिकटों में महारानी विक्टोरिया, जार्ज पंचम, षष्ठम, महात्मा गांधी, नेहरु परिवार, देश के प्रसिद्ध राजनेता, पशु, पक्षी, पेड, वन्य पशु, वैज्ञानिक, संगीतज्ञ, देश के राष्ट्रपति, शिक्षण संस्थाओं, अवसर विशेष पर जारी हुए डाक टिकट शामिल है। गुप्ता के डाक टिकट संग्रह में महात्मा गांधी पर जारी हुआ कपड़े का डाक टिकट भी शामिल है। वहीं इनके डाक टिकट संग्रह में विश्व के करीब सत्तर देशों के डाक टिकट भी शामिल है। गुप्ता के पास डाक टिकटों के साथ नोट और सिक्कों का संग्रह भी है।

 

 

डाक टिकटों में बीकानेर
डाक टिकटों के संग्रह में बीकानेर से संबंधित डाक टिकट भी शामिल है। गुप्ता के अनुसार महाराज गंगासिंह, कोटगेट, पदमश्री अल्लाह जिलाई बाई, आचार्य तुलसी पर जारी हुए दस से अधिक डाक टिकट शामिल है। वहीं खेजड़ी, गोडावण पक्षी, ऊंट पर डाकघर सहित प्रदेश से संबंधित कई डाक टिकट शामिल है।

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