बुधवार दोपहर में उसका बेटा देवकिशन (17) एवं भीमनगर निवासी हाल खेत पड़ोसी परताराम का बेटा पुखराज (23) खेत में बनी पानी की डिग्गी में नहाने उतरे। आशंका है कि पैर फिसलने से देवकिशन गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा। तब उसे बचाने की पुखराज ने कोशिश की। पानी ज्यादा होने से दोनों गहरे पानी में डूबते चले गए और उनकी मौत हो गई।
डूबते देखा, तो शोर मचाया
जनप्रतिनिधि जोगेन्द्र जोईया ने बताया कि हादसे की सूचना ग्रामीणों ने उनको दी, तब वह मौके पर पहुंचा। ग्रामीणों के मुताबिक पुखराज व देवकिशन को पानी में गिरा किसी ग्रामीण ने देखा। उसने शोर मचाकर अन्य ग्रामीणों को बुलाया। तब ग्रामीण व परिजन दोनों को डिग्गी से बाहर निकाल कर पीबीएम अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव मोर्चरी में रखवा दिए। बाद में शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
रस्सा टूटने से डूबे दोनों
हादसे की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे हैडकांस्टेबल ओम ङ्क्षसह ने बताया कि पुखराज व देवकिशन डिग्गी में रस्सी के सहारे नहाने उतरे थे लेकिन रस्सी टूट गई, जिससे वह गहरे पानी में चले गए। एक-दूसरे को बचाने की कोशिश में दोनों डूब
गए।
...खेत में बनी डिग्गियां लील रही जिंदगियां
केस एक :- नापासर थाना क्षेत्र के मूंडसर गांव की रोही में तीन दिन पूर्व पानी की बारी के दौरान बूस्टर चलाते समय पैर फिसने से दो भाई धर्मेंद्र व देवीलाल डिग्गी में डूब गए
केस दो :- बीछवाल थाना क्षेत्र के हुसंगसर के तीन एमजीएम स्थित खेत में बनी डिग्गी में नहाने उतरे पुखराज व देवकिसन की डूबने से मौत हो गई।
ढाई महीने में 8 की मौत
खेतों में फसलों को पानी देने के लिए बनाई गई डिग्गियां जानलेवा साबित हो रही हैं। डिग्गियां हर पखवाड़े एक-दो की ङ्क्षजदगी लील रही हैं। पिछले एक पखवाड़े में बीकानेर जिले में चार जनों की डिग्गी में डूबने से मौत हो गई। वहीं संभागभर में मरने वालों का आंकड़ा 8 है। पिछले तीन दिन में अकेले बीकानेर में खेत में बनी पानी की डिग्गी में डूबने से चार जनों की मौत हो चुकी है।
लापरवाही ले रही जान
खेतों में बनी पानी की डिग्गियां में मौत होने की सबसे बड़ी वजह ग्रामीणों की लापरवाही है। डिग्गियों के निर्माण में खामियां रखी गई हैं। तय मापदंडों से डिग्गियां नहीं बनाई जा रही। डिग्गियों का तलघर पक्का नहीं होने से गिरने पर दलदल में धंस जाता है, जिससे मौत हो जाती है।
यह हैं नियम
खेत नें बनाई जाने वाली डिग्गी का तलघर पक्का हो।
डिग्गी के चारों तरफ चार से पांच फीट तक तारबंदी हो।
डिग्गी में उतरने के लिए सीढिय़ां हों और एक जंजीर बनी हो।
डिग्गी पर छोटो बच्चों व पशुओं के आवागमन पर रोक हो।
डिग्गी के पास रोशनी की व्यवस्था हो।