ऑडी को मात देगी Honda की ये मोस्ट पापुलर कार, अब पेट्रोल वेरिएंट में हुई लॉन्च
दरअसल मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों के मुताबिक व्हीकल के बेसिक स्ट्रक्चर से ‘छेड़छाड़’ कानून का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अगर किसी वाहन के साथ कोई मॉडिफिकेशन कराया तो, वाहन का रजिस्ट्रेशन तक रद्द हो सकता है। यह नियम कार, बाइक, बस और ट्रक जैसे सभी वाहनों पर लागू होता है।
नियम के मुताबिक गाड़ी के रंग में छोटे-मोटे बदलाव या छोटे-मोटे फिटमेंट तो अलग से करा सकते हैं। लेकिन बॉडी या चैसिस के साथ कोई स्ट्रक्चरल बदलाव या फिर सीएनजी, सोलर पॉवर या एलपीजी और बैटरी, पर वाहन चलाना या फिर किसी प्रकार की कनवर्जन किट लगाना नियम के खिलाफ है। और इसके लिए आरटीओ की परमिशन लेनी जरूरी है, ऐसा न करने पर रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जा सकता है।
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अपने आदेश में कहा सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 52(1) के मुताबिक मैनुफैक्चरर की तरफ से दी जाने वाली ऑरिजनल स्पेसीफिकेशन को बनाए रखना जरूरी है। नियम के तहत कार या बाइक में एक्सटीरियर या इंजन के साथ किसी प्रकार का मॉडिफिकेशन गैर कानूनी है। ऐसे वाहन जिन्होंने रजिस्ट्रेशन के बाद अपनी कार या बाइक अथवा किसी और वाहन में मॉडिफिकेशन कराया है, ऐसे वाहनों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जा सकता है।