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इस बाइक को चलाने वाल को एक खास हेलमेट दिया गया है, जिसमें कैमरा लगा हुआ है। इस कैमरे को सीआरपीएफ कंट्रोल रूम से मैनेज किया जाएगा। इसके जरिए कंट्रोल रूम में बैठे लोग 400 किमी के दायरे में होने वाली सभी घटनाओं को लाइव देख सकते हैं।
अगर किसी तरह की घटना हो जाती है तो बाइक को मिनी एंबुलेंस में तब्दील किया जा सकता है और घायल को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जा सकता है। इस बाइक को खासतौर पर आतंकी हमले जैसी स्थिति में मदद के लिए बनाया गया है। इस बाइक एंबुलेंस में घायलों को प्राथमिक चिकित्सा देने के लिए उचित तरह की दवाई और जरूरी सामान रखा गया है।
सीआरपीएफ के जवानों को गाड़ियों की जगह बाइक्स इसलिए दी गई हैं, क्योंकि अमरनाथ में खतरनाक पहाड़ियां हैं। पहाड़ियों पर गाड़ी आसानी से चल नहीं पाएंगी और बाइक लेकर कहीं भी आसानी से पहुंचा जा सकता है और लोगों की मदद की जा सकती है।
इस बाइक मं ऐसा सिस्टम लगाया गया है, जिसके जरिए जवान कंट्रोल रूम में किसी भी तरह की मदद के लिए बात कर सकेंगे। इसके साथ कैमरे के जरिए माहौल को देखते हुए कंट्रोल रूप से खुद मदद भेज दी जाएगी। इससे आतंकवादियों के खिलाफ बिना समय खराब करे कार्रवाई की जाएगी।