जमीन दूसरे के नाम पर खरीदने की जानकारी देते हुए उसने एडवांस में कुछ रकम देने और रजिस्ट्री के बाद शेष रकम देने की बात कही थी। उसकी शर्त पर एलएन मिश्रा, व्यासनारायण और तारा राजी हो गए थे। जमीन का सौदा 1 करोड़ 15 लाख रुपए में हुआ था। अभिनव ने प्रकाश के परिजनों को 30 लाख रुपए नकद देते हुए उक्त जमीन को पारिजात एक्सटेंशन नेहरू नगर निवासी रानू पति अमित उर्फ बबला सिंह के नाम पर 27 सितंबर 2015 को रजिस्ट्री कराई थी। रजिस्ट्री में स्टॉम्प शुल्क बचाने लेनदेन का सौदा 66 लाख रुपए बताया गया था। रजिस्ट्री के बाद अभिनव पाठक, रानू सिंह, बबला और हितेन्द्र सिंह ने प्रकाश के परिवार के सदस्यों के साथ इकरारनामा किया था, जिसमें हितेन्द्र सिंह पिता दिनेश सिंह, रानू सिंह और उसके पति अमित उर्फ बबला सिंह ने 64 लाख रुपए चेक के माध्यम से भुगतान करने और शेष रकम तीन माल में देने की बात स्वीकार की थी।
85 लाख का भुगजान करने के लिए अभिनव और उसके साथियों ने 2 महीने तक प्रकाश के परिजनों को घुमाया। 24 जनवरी को अभिनव ने प्रकाश के परिजनों को 15 लाख रुपए देते हुए शेष रकम मार्च 2016 तक देने की बात कही थी। उसने फिर से प्रकाश के परिजनों को 70 लाख रुपए के 2 चेक दिए थे। बैंक से चेक बाउंस होने पर प्रकाश और उसके परिवार के सदस्यों ने रानू, अभिनव, बबला और हितेन्द्र से रकम मांगी थी। चारों ने प्रकाश के परिवार के सदस्यों का एक्सीडेंट कराने और हाथ पैर तोड़वाने की धमकी दी थी। प्रकाश ने शिकायत थाने मे ंदर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 120(बी) के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।