दर्राभाठा गांव में अब तक 156 डायरिया से पीडि़त मरीज मिले
संक्रामक रोग

बिलासपुर. एनटीपीसी सीपत प्रभावित गांव दर्राभाठा में डायरिया के पांच मरीज आए थे। अब तक यहां डायरिया से 156 मरीज पीडि़त हो चुके हैं। गांव में डायरिया फैलने का मुख्य कारण दूषित पानी बताया जा रहा है। लेकिन एनटीपीसी पीएचई की रिपार्ट को आधार मानकर पानी में क्लोरीन का उपयोग किया जा रहा है। आने वाले दिनों में गांव में गंदा पानी न आए इसके लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई है। दर्राभाठा में डायरिया से पीडि़तों की संख्या कम हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव में क्लोरीन की टेबलेट ,ब्लीचिंग पाउडर का छिडक़ाव किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा प्रतिदिन डोर टू डोर सर्वे किया जा रहा है। लोगों को साफ गरम पानी पीने ,बासी भोजन नहीं खाने के अलावा घर के आसपास सफाई रखने के लिए कहा जा रहा है। एनटीपीसी द्वारा लोगों को टेंकर से पीने की साफ पानी सप्लाई की जा रही है। लेकिन आने वाले दिनों में गांव के लोगों को गंदा पानी न मिले इसकी किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है और न ही एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा इस ओर ध्यान दिया जा रहा है। लोगों का कहना है गांव में डायरिया फैला है तब एनटीपीसी साफ पानी सप्लाई कर रहा है। बताया जाता है स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने एनटीपीसी को अवगत करा दिया है कि दूषित पानी की वजह से ही गांव में डायरिया फैल रही है।
डायरिया के मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं लेकिन संख्या में धीरे धीरे कमी आ रही है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी डोर टू डोर सर्वे कर रहे हैं। सर्दी खांसी, बुखार के मरीज मिल रहे हैं उनका भी उपचार कर दवाईयां दी जा रही है।
डॉ. बीबी बोर्डे सीएमएचओ
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