बिलासपुर

16 दिन में 230 लोगों की जांच, 64 मिले डेंगू से पीडि़त, हर रोज भर्ती हो रहे 4 मरीज

डेंगू के उपचार के लिए शासन की ओर से किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी जा रही। लोगों को अपनी जेब से पैसे खर्च करके इलाज करना पड़ रहा है।

बिलासपुरSep 05, 2018 / 12:17 am

Amil Shrivas

16 दिन में 230 लोगों की जांच, 64 मिले डेंगू से पीडि़त, हर रोज भर्ती हो रहे 4 मरीज

बिलासपुर. मौसम बदलने के कारण डेंगू के डंक का कहर कम नहीं हो रहा है। 18 अगस्त से 3 सितम्बर, यानी 16 दिन में 230 लोगों के ब्लड के सैंपल की जांच की गई है। इसमें 64 लोगों को डेंगू से पीडि़त पाया गया। इनमें से 33 मरीजों का इलाज अपोलो किया गया। जबकि 17 को निजी नर्सिंग होम, और 8 जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। इनमें 34 महिलाएं और 25 पुरुष शामिल हैं। जिले में डेंगू का कहर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। प्रतिदिन तीन से चार मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। डेंगू के उपचार के लिए शासन की ओर से किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी जा रही। लोगों को अपनी जेब से पैसे खर्च करके इलाज करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनजागरुकता अभियान चलाकर सिर्फ डेंगू से बचने की जानकारी दी जा रही है। वहीं नगर निगम द्वारा शहर में फाङ्क्षगग कराई जा रही है। साफ सफाई के दावे भी किए जा रहे, लेकिन इससे कोई फर्क नजर नहीं आ रहा। जिला अस्पताल से मिले आंकड़ों पर गौर करें तो 16 दिन में 230 लोगों के ब्लड की जांच की गई, जिसमें 64 लोगों को डेंगू से पीडि़त पाया गया। इनमें मात्र 8 लोगों का इलाज जिला अस्पताल हुआ, जबकि 56 लोगों ने अलग-अलग निजी अस्पतालों में इलाज करवाया।

फ्री इलाज की नहीं मिल रही सुविधा : मंत्री परिषद की बैठक 21 अगस्त को हुई। इसमें प्रदेश के सभी शहरों में डेंगू से पीडि़त मरीजों का फ्री में इलाज करने की बात हुई थी। लेकिन इस पर कोई अमल नहीं हुआ।
मुख्य सचिव ने डेंगू-मलेरिया पर ली हालात की जानकारी : मुख्य सचिव अजय सिंह ने मंगलवार को जिले में डेंगू और मलेरिया की स्थिति के बारे में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अफसरों से हालात की जानकारी ली। करीब तीन घंटे तक एक दर्जन विभागों की समीक्षा की गई। इसमें संभागीय आयुक्त टीसी महावर, आईजी प्रमोद गुप्ता, कलेक्टर पी. दयानंद, एसपी आरिफ एच. शेख एवं जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी फरिहा आलम सिद्दीकी, ऊर्जा, खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन व महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी मौजूद थे। मुख्य सचिव की वीडियो कांफ्रेंसिंग पूर्व में दोपहर 4 बजे रखी गई थी। लेकिन यह मंगलवार को यह सुबह 11 बजे प्रारंभ हो गई। इसके चलते हर सप्ताह को होने वाली टीएल की बैठक का समय दोपहर 2 बजे किया गया। मुख्य सचिव की वीसी लगभग तीन घंटे तक चली।

इन मुद्दों पर चर्चा : न्यायालयों में लंबित जनहित के प्रकरणों को वापस लेने पर दिशा निर्देश दिए गए। 23 अगस्त की स्थिति में इन प्रकरणों को वापस लेने के लिए जिला प्रशासन कार्रवाई करेगा। एकलबत्ती, घरेलू उपभोक्ताओं को फ्लैट रेट के विकल्प, विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती, कक्षा आठवीं से 12 वीं तक अध्ययनरत विद्यार्थियों के स्थायी जाति व निवास प्रमाण, अनुकंपा नियुक्ति, समर्थन मूल्य पर धान व मक्का खरीदी व किसानों के पंजीयन पर जानकारी ली। राशन कार्डों के आधार प्रमाणिकरण, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की स्थिति, नामांतरण प्रक्रिया, राजस्व न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण, राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिले में स्थिति पर चर्चा की गई।

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