scriptशहर में ट्रैफिक कंट्रोल करने लगा दिए 300 पुलिस कर्मी, उधर 62 डेंजर जोन में हर दिन हो रही मौतें | 300 police personnel started to control traffic in the city and 62 da | Patrika News

शहर में ट्रैफिक कंट्रोल करने लगा दिए 300 पुलिस कर्मी, उधर 62 डेंजर जोन में हर दिन हो रही मौतें

locationबिलासपुरPublished: Feb 15, 2018 06:44:55 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

४३ दिनों गई ५८ की जान, अधिकांश मौतें नेशनल हाईवे पर डेंजर जोनों में हुई, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं बनी रोड सेफ्टी बॉडी

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बिलासपुर . शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने पुलिस महकमे के आला अधिकारियों ने ३०० पुलिस कर्मियों को तैनात कर रखा है। पिछले ४३ दिनों से शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की कवायद जारी है। जबकि नेशनल हाईवे पर ६२ डेंजर जोनों में सुरक्षा के लिए अब तक उपाए नहीं किए गए। ऐसे डेंजर जोनों में ४३ दिनों के भीतर सड़क हादसों में 58 लोगों की मौत हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने हादसे और इनमें होने वाली मौतों को रोकने रोड सेफ्टी बॉडी बनाने के आदेश दिए थे। इसके बाद भी पुलिस और जिला प्रशासन यह बॉडी नहीं बनाई।
आईजी दिपांशु काबरा ने यहां चार्ज लेने के बाद शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के संकेत दिए थे। उन्होंने शहर में ४ नए ट्रैफिक थाने कोतवाली, आदिम जाति कल्याण थाना सरकण्डा, ेमंगला चौक, तिफरा पुलिस सहायता केन्द्र खुलवाए। साथ ही ट्रैफिक थाने का मुख्यालय सत्यम चौक स्थित यातायात थाने को बनाया। नए थानों में करीब ३०० पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। पुलिस कर्मियों को शहर के चौक चौराहों में तैनात किया गया। पिछले ४३ दिनों से ३०० पुलिस कर्मी शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन व्यवस्था अब तक नहीं सुधर पाई है।
४३ दिन, ५८ मौतें: पुलिस रिकार्ड के अनुसार, जिले में ६२ डेंजर जोन हैं, जहां लगातार सड़क हादसे में मौतें हो रहीं हैं। सभी डेंजर जोन नेशनल हाईवे पर स्थित हैं। पिछले ४३ दिनों में शहर में ८९ सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें ११५ लोग घायल हो चुके हैं।
इतने डेंजर जोन: डेंजर जोन में नेहरू चौक, डीआईजी तिराहा, महामाया चौक, जरहाभाठा मंदिर चौक, तिफरा मेन रोड, मोपका तिराहा,मंगला चौक, आरके नगर चौक, लोधीपारा, पशुपालन विभाग कार्यालय मुख्य मार्ग, चिल्हाटी मोड़, लगरा मुख्य मार्ग मस्तूरी थाना क्षेत्र में- दर्री घाट,लावर, किरारी, मस्तूरी मुख्य मार्ग, कोहरौदा, रिस्दा,गतौरा,जयराम नगर, भदौरा, कर्रा, कछार, खैरा, परसदा, बिल्हा थाना क्षेत्र में- मूढ़ीपार, झाल रोड, महुआ चौक, रतनपुर थाना क्षेत्र में – रानीगांव चौक,महामाया चौक,मदनपुर मुख्य मार्ग, लखराम मोड़, खंडोबा-सांधीपारा बाइपास, जालीमोड़, खूंटाघाट मोड़, बगदेवा मार्ग, हिर्री थाना क्षेत्र में- पेण्ड्रीडीह बाइपास, अमसेना चौक, भेजपुरी मोड़, मोहदा मोड़, बोड़सरा स्कूल, बेलमुंडी स्कूल, पेझडीडीह स्कूल, कोटा थाना क्षेत्र में- अमने मोड़, लोरमी नाका , तखतपुर थाना क्षेत्र में-नया बस स्टैण्ड, जरौधा मोड़, जरेली मोड़, लिदरी मोड़, बेलसरी मोड़, पचपेड़ी थाना क्षेत्र में -गोड़ाडीह- लावर मार्ग, मचहामोड़, जैतपुरी मोड़, चकरभाठा थाना क्षेत्र में-सरवानी मुख्य मार्ग, सकरी पेण्ड्रीडीह बाइपास पर सलमपुर मोड़, संबलपुर मोड़, बटालियन मोड़, चकरभाठा कैप मोड़, छतौना मोड़ शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं: ३० नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के जिस्टस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने देश भर में हर ३ मिनट में सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत होने का हवाला देते हुए केन्द्र और राज्य सरकार को रोड सेफ्टी बॉडी बनाने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि रोड सेफ्टी बॉडी में स्वास्थ्य विभाग, ट्रैफिक पुलिस, पुलिस, ट्रांसपोर्ट विभाग और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी शामिल रहेंगे। अधिकारी सड़क हादसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएंगे। कोर्ट के आदेश के ढाई महीने के बाद भी जिला प्रशासन ने रोड सेफ्टी बॉडी का गठन नहीं किया है।
रोड सेफ्टी बॉडी नहीं बनने की जानकारी नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर रोड सेफ्टी बॉडी बनाई जाएगी। रोड सेफ्टी बॉडी दुर्घटनाओं को रोकने के उपाय करेगी।
आरीफ शेख, एसपी बिलासपुर।

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