अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मवेशियों का पोस्टमार्टम करने के बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। मामले की जांच को लेकर कलेक्टर ने एडीएम की अध्यक्षता में जांच टीम का गठन किया है जिसे तीन दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है। इधर, इतनी संख्या में गायों की मौत पर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। विपक्षी पार्टी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को इस मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया है। सरकार की ओर से वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया है कि मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
डीएसपी सुनील डेविड के मुताबिक शनिवार सुबह ग्राम पंचायत मेढ़पारबाजार के ग्रामीणों ने थाने में सूचना दी कि गांव के पंचायत भवन में शुक्रवार को बंद किए गए मवेशियों की मौत हो गई है। कलेक्टर सारांश मित्तर, बिल्हा एसडीएम आनंद रूप तिवारी और तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों की मदद से मवेशियों को भवन से बाहर निकाला। इसके लिए दीवार भी तोड़ी गई। वहीं 13 मवेशियों को बचा लिया गया। मृत मवेशियों का वेटरनरी डाक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया।
तखतपुर ब्लॉक के मेढ़पार गांव की घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है, अमानवीय और निंदनीय है। प्रारंभिक जांच में डॉक्टरों ने बताया है कि दम घुटने के कारण गायों की मौत हुई है। इस मामले में एफआईआर करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही एडीएम की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई गई है। रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. सारांश मित्तर, कलेक्टर