बिलासपुर

यहां पिछले दो साल में 664 लोग कर चुके हैं खुदकुशी

World Anti-Suicide Day today: वर्ल्ड एंटी सुसाइड डे आज, जिले में अब तक नहीं खुला काउंसिलिंग सेंटर

बिलासपुरSep 10, 2019 / 01:10 pm

Murari Soni

पिछले दो साल में 664 लोग कर चुके हैं खुदकुशी

बिलासपुर. जिले में पिछले 2 वर्षों में 664 व्यक्ति आत्महत्या कर चुके हैं। लगातार बढ़ती आत्महत्याओं की घटनाओं को रोकने प्रदेश के कई जिलों में काउंसिलिंग सेंटर खेले जा चुके हैं, लेकिन जिले में अब तक एक भी काउंसिलिंग सेंटर की स्थापना नहीं हुई है। वहीं 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर खानापूर्ति के लिए जागरूकता का संदेश दिया जाएगा।
तनाव और अवसाद से मुक्ति दिलाने क्लिनिक व काउंसिलिंग सेंटर . स्वास्थ और परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ कार्यक्रम के अंतर्गत मानसिक विकारों, तनाव व अवसाद को कम करने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम संचालित कर रहा है । इनमें जिला अस्पतालों में स्थापित स्पर्श क्लिनिक भी एक है। क्लिनिक में मानसिक रोगियों का नि: शुल्क उपचार होता है और उनका नाम भी सार्वजनिक नहीं किया जाता है। इनके अलावा प्रदेश के सभी 27 जिलों में काउंसिलिंग सेंटर खोले जा रहे हैं जिनके जरिए मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों की पहचान कर मानसिक स्वास्थ की सेवाएं दी जा रही हैं। प्रदेश में आत्महत्याओं को कम करने के लिए सन 2016 से प्रदेश शासन कई कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। जनजागरूकता को बढ़ाने, तनाव को कम करने, स्कूल व कॉलेजरों में युवओं के मानसिक तनाव को कम करने के कार्यक्रम शामिल हैं। मानसिक अवसाद और तनाव के करण आत्महत्या के विचार आने वाले व्यक्तियों को मदद करने और समझाइश देकर आत्महत्या करने से लोगों को रोके जाने का काम किया जाता है।
2 साल में 664 खुदकुशी के मामले
जिले में पिछले 2 वर्षों में 664 लोगों ने आत्महत्याएं की हैं, जिनमें पति पत्नी के बीच अवैध संबंध के कारण , पढ़ाई के तनाव, लेनदेन के विवाद , मानसिक तनाव समेत कई मामलें शामिल हैं। लगातार बढ़ती आत्महत्याओं के मामलों के बाद भी आत्महत्याओं को रोकने के लिए अब तक कउंसिलिंग सेंटर नहीं खोले गए हैं। वहीं प्रदेश के दुर्ग में 12, मुंगेली में 5, जांजगीर-चांपा में2, कोरबा में 4, धमतरी तें 3, रायगढ़ में 4, बस्तर में 2 और जश्पुर में 12 कउसंलिंग सेंटर खोले जा चुके हैं।
हेल्पलाइन है, पर प्रचार प्रसार नहीं
प्रदेश में मानसिक रोगी, मानसिक अवसाद, तनाव ग्रस्त दिखने वाले लोगों को काउंसिलिंग सेंटर तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 104 शुरू किया है। जिले में इस हेल्पलाइन नंबर की जानकारी न ही पुलिस को है और न ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को।
मौत के कई मामलों में कारण अज्ञात
खुदकुशी के कई मामलों में पुलिस मौत के कारणों तक नहीं पहुंच पाई है। अधिकांश खुदकुशी के मामले फांसी लगाने के सामने आई हैं, जिनमें पुलिस को जांच कर खुदकुशी के कारणों तक पहुंचने में सफलता नहीं मिली है। सुसाइड नोट लिखकर खुदकुशी करने वालों की संख्या कम है।

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