हलांकि कर्ज लेकर पढ़ाई करने वालों की संख्या बढ़ी है या घटी इस बात की जानकारी रिपोर्ट में शामिल नहीं है लेकिन कोविड के समय में पढ़ाई प्रभावित हुई है और इन लोन खातों पर कितना बकाया है इसका उल्लेख जरूर किय गया है।
अब देश के परिदृश्य में बात करें तो 2256851 लोन एकाउंट या छात्रों ने वर्ष 2021 तक पढ़ाई के लिए लोन लिया है। इनका लोन बकाया 89477.01 करोड़ रुपए है। जो सबसे खास बात है वो यह है कि लक्षद्वीप और लद्दाख ही ऐसे हैं जहां सबसे कम एजुकेशन लोन लिया गया है और बकाया भी कम है। लक्षद्वीप में 14 लोन खाते हैं और इनपर बकाया 0.47 करोड़ का है। जबकि लद्दाख में 33 लोन खाते हैं और बकाया 2.86 करोड़ रुपए का है।
एजुकेशन लोन उच्च शिक्षा के लिए ही लिए जाते हैं। इसमें देश में रहकर या विदेश जाकर पढ़ाई करना दोनों शामिल है। अब यदि इसी से जुड़े दूसरे पहलू पर गौर करें तो विदेश मंत्रालय की ओर से जारी मार्च 2022 के आंकड़े के अनुसार देश भर से 13 लाख 24 हजार 954 छात्र विदेशों में विभिन्न प्रकार के उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जबकि शिक्षा के लिए देश में वर्ष 2021 तक लोन लेने वाले छात्रों की संख्या 22 लाख 56 हजार 851 है।
छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्यों की बात करें तो मध्यप्रदेश सातवें नंबर पर है यहां 88637 छात्रों ने एजुकेशन लोन लिया है या यूं कहें कि लोन खाते हैं। इन खातों पर 3045.19 करोड़ रुपए का बकाया है। वहीं ओडिशा 61057 लोन एकाउंट के साथ 11 वें नंबर पर है और इन खातों पर बकाया 2117.48 करोड़ का है। झारखंड 40393 लोन एकाउंट्स के साथ 14 वें नंबर पर है और बकाया 1992.2 करोड़ का है।
तमिलनाडु 625735 16301.93
केरल 307670 11050.9
कर्नाटक 210437 7964.98
महाराष्ट्र १९०६३७ 8882.29
उत्तरप्रदेश 105142 4269.58
(राशि करोड़ में)