यहां बनी हैं टंकियां: व्यापार विहार, अशोक नगर, सीपत रोड पटवारी प्रशिक्षण केंद्र, हेमूनगर, दयालबंद टिकरापारा, शनिचरी बाजार, गणेश नगर और बिलासा कन्या कॉलेज मैदान। ये कहा गया पत्र में: पीएचई के कार्यपालन अभियंता ने निगम आयुक्त को भेजे गए पत्र में कहा है कि इन पानी टंकियों के संचालन और संधारण के लिए डीपीआर में कोई प्रावधान नहीं है। पीएचई के पास इन टंकियों के संचालन के लिए फंड भी नहीं है। इसलिए इन टंकियों को हैंडओवहर लेने की कार्रवाई करें। वर्ष 2010 से 2015 के बीच सभी टंकियों का परीक्षण कराकर विभाग द्वारा जलआपूर्ति कराई जा रही है।
76 लाख भी ले लिया: टंकियों के निर्माण में खामियों के कारण निगम प्रशासन इन्हें अपने अधीन लेने से लगातार इनकार कर रहा है। इन टंकियों के संचालन के लिए पीएचई द्वारा फंड न होने की बात कहने पर निगम प्रशासन ने एमआईसी से प्रस्ताव पारित कराकर पीएचई को 76 लाख रुपए दिए थे।
जल आवर्धन की टंकियों के निर्माण में खामियों के कारण तत्कालीन अधीक्षण अभियंता ने इन्हें लेने से इनकार किया था। पीएचई ने निगम आयुक्त को पत्र भेजा है। जैसा निर्देश मिलेगा, निर्णय लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
-राजकुमार मिश्रा, कार्यपालन अभियंता नगर निगम जलकार्य विभाग
-राजकुमार मिश्रा, कार्यपालन अभियंता नगर निगम जलकार्य विभाग