जानकारी के अनुसार रेवा राम कौशिक पिता बीआर कौशिक (53 ) पुलिस लाइन में प्रधान आरक्षक हैं। 6 फरवरी को सुबह उनकी ड्यूटी केन्द्रीय जेल के कैदियों को पेशी पर जिला न्यायालय लेजाने के लिए लगी थी। उनके साथ एएसआई टोप्पो, सेमुएल व अन्य पुलिस कर्मी थी। जेल से सुबह सवा 11 बजे 70 बंदियों को पेशी जिला न्यायालय लाया गया था। 1 फरवरी 2020 को हत्या के मामले में केन्द्रीय जेल लाए गए मस्तूरी गोपिया पारा निवासी परमेश्वर उर्फ छन्नू पिता श्यामलाल डोंगरे ( 35) को सेशन कोर्ट में पेशी पर भेजा गया था। जिला न्यायालय के लॉकअप से शाम सवा 4 बजे आरोपी परमेशर और दूसरे बंदी बोधन यादव पिता संतू यादव निवासी ग्राम महमंद लालखदान को रेवाराम और आरक्षक रज्जू भास्कर ने किरण कुमार जांगड़े के न्यायालय में पेश किया। वहां से 10 मिनट के बाद दोनों आरोपियों दूसरी मंजिल से लिफ्ट से नीचे लेजाना था। आरोपी परमेशर लिफ्ट में घुसा और दरवाजा बंद हो गया। परमेशर को पकडऩे आरक्षक रज्जू सीढियों से नीचे पहुंचा। इसी बीच लिफ्ट से निकलकर भागने लगा। रज्जू ने उसे पकडऩे के लिए दौड़ाया लेकिन वह मुंगेली नाका की ओर भाग गया। करीब आधे घंटे तलाश करने पर आरोपी नहीं मिला तो रेवाराम और रज्जू ने आरोपी के भागने की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। सूचना मिलने पर सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी की देर रात तक तलाश की, लेकिन उसका पता नहीं चला। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी बंदी के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।