कोरोना काल की वजह से आर्थिक तंगी की मार झेल रहे अभिभावकों ने अपने बच्चों को निजी स्कूल से निकालने व नए अंग्रेजी मीडियम स्कूल में एडमिशन कराने की शुरुआत की थी। लेकिन कई निजी स्कूल बच्चों को टीसी व अंकसूची का वितरण नहीं कर रहे हैं। वहीं मनमानी फीस के चलते भी अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने में असमर्थ हैं व बच्चों की फीस पटाने के कारण परेशान हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम से पालकों की समस्या सामने आने के बाद डायरेक्टर जितेन्द्र शुक्ला ने आदेश जारी कर सभी शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि निजी स्कूलों से ऐसे बच्चों के डेटा निकालें जो बच्चे स्कूल से टीसी लेने चक्कर लगा रहे हैं या एडमिशन लेने के बाद भी ऑनलाइन क्लास या अन्य गतिविधियों से खुद अलग कर रखा है। उनका नाम पता और मोबाइल नम्बर भी लें व खुद जाकर सम्पर्क कर उनकी समस्या जाने व उसका समाधान करे कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं होना चाहिए।
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि बच्चों को नजदीकी सरकारी स्कूलों में एडमिशन दिया जाए, बच्चों से एडमिशन के दौरान अंक सूची या टीसी की मांग न की जाए। बच्चा अगर ग्यारहवीं या बाहरहवीं का हो तो माध्यमिक शिक्षा मंडल के वेबसाइट में उनके रोल नम्बर के आधार पर उत्तीर्ण होने की पुष्टि कर एडमिशन प्रदान करंे। किसी भी बच्चे को शिक्षा के अधिकार से वंचित न होना पड़े इसका ख्याल खुद जिला शिक्षा अधिकारी रखेंगे। आदेश आने के बाद निजी स्कूल प्रबंधन भी सकते में हैं क्योंकि फीस न पटाने के एवज में अधिकांश बच्चों की टीसी व अंकसूची ही स्कूल प्रबंधनों ने रोक रखी है।
ऑनलाइन क्लास से हटाए गए छात्रों को दुबारा जोड़ा क्लास से
आदेश जारी होने के बाद निजी स्कूल प्रबंधनों में हड़कम्प मचा हुआ है। अधिकांश बच्चे स्कूल न छोड़ें इसके लिए ऑनलाइन क्लास से जिन बच्चों को दबाव बनाने के लिए हटाया गया था उन्हें ऑनलाइन क्लास से जोडऩे की शुरुआत भी हो चुकी है। अभिभावकों ने यह जानकारी दी है।