scriptपूर्ववर्ती सरकार ने सैकड़ों निर्दोष आदिवासियों, नेताओं व वकीलों को फंसाया: वर्मा | Advocate Satish Chandra Verma said this statement of CM Bhupesh Baghel | Patrika News

पूर्ववर्ती सरकार ने सैकड़ों निर्दोष आदिवासियों, नेताओं व वकीलों को फंसाया: वर्मा

locationबिलासपुरPublished: Oct 14, 2019 12:17:49 pm

Submitted by:

Murari Soni

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के महाअधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस बयान को सही बताया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा सैकड़ों निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर जेल भेजा गया था।

पूर्ववर्ती सरकार ने सैकड़ों निर्दोष आदिवासियों, नेताओं व वकीलों को फंसाया: वर्मा

पूर्ववर्ती सरकार ने सैकड़ों निर्दोष आदिवासियों, नेताओं व वकीलों को फंसाया: वर्मा

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के महाअधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस बयान को सही बताया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा सैकड़ों निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर जेल भेजा गया था। ऐसे निर्दोष लोगों को वर्तमान सरकार जेल से बाहर करेगी। पिछली सरकार ने सैकड़ों निर्दोष नेताओं और वकीलों को भी झूठे मामलों में फंसा कर जेल भेज दिया था।
प्रेस क्लब में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में महाअधिवक्ता वर्मा ने कहा कि उन्होंने स्वयं ऐसे दर्जनों निर्दोष आदिवासियों के प्रकरण पर पैरवी करके हाईकोर्ट से उन्हें न्याय दिलवाया है जिन्हें जबरिया माओवादी बताकर गिरफ्तार किया गया था और जेल भेज दिया गया था।
पद को लेकर विवाद नहीं
महाअधिवक्ता वर्मा ने कहा कि इस पद को लेकर कहीं कोई विवाद की स्थिति नहीं थी और न है। सरकार ने मुझे एजी बनाया तो मेरे पहले के एजी की मान सम्मान और प्रतिष्ठा का ध्यान रखा है। महाअधिवक्ता पद पर मेरी नियुक्ति सरकार की इच्छा पर निर्भर है। जब तक सरकार चाहेगी मैं महाअधिवक्ता रहूंगा और सरकार को सेवाएं दूंगा।
छग हाईकोर्ट का एजी दफ्तर देश का पहला डिजिटलाइज्ड दफ्तर
महाअधिवक्ता वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का महाअधिवक्ता कार्यालय देश का एक मात्र ऐसा एजी कार्यालय है जो पूर्ण रूप से डिजिटलाइज्ड है । छतीसगढ़ हाईकोर्ट वर्ष 2000 से है। मगर दिल्ली व रायपुर में एजी दफ्तर शुरू करने का सौभाग्य मुझे मिला। चूंकि एजी का पद संवैधानिक है और सरकार को सलाह देने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं जिसके लिए सम्बंधित अधिकारियों को बार-बार बिलासपुर बुलाकर चर्चा व सलाह सम्भव नहीं है, इसलिए अब वे प्रत्येक शनिवार को रायपुर जाकर बैठते हैं। इसी तरह पहले दिल्ली में कार्यालय नहीं होने से सरकार के कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की तत्काल जानकारी नहीं हो पाती थी । मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद दिल्ली में दफ्तर शुरू कर पर्याप्त संख्या में लॉयर व कर्मियों की नियुक्ति कर दी गई है। एजी दफ्तर के अधिवक्ताओं, पैनल लायरों के लिए पहली बार विधिक जानकारी के लिए शिवतराई में विधि व्याख्यान आयोजित कर महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं। कोर्ट नोटिस समन्स आदि ईमेल व फैक्स से भेजने सम्बन्धी आदेश यदि हमें सुप्रीमकोर्ट से मिलता है तो यह व्यवस्था हम 15 दिन में लागू कर देंगे।
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