जिले में पशुओं के चारा की समस्या को ध्यान में रखकर पशु चिकित्सा विभाग ने ग्राम सेंदरी में दस एकड़ क्षेत्र में सुपर नेपियर घास की नर्सरी तैयार किया जा रहा है। जिले में पहला बार एक साथ इतने बडे़ रकबे में घास की नर्सरी बनाने की तैयारी की गई है।
परिवहन महंगा
दूसरे जिले से मवेशियों के लिए नेपियर घास मंगाने से परिवहन भाड़ा अधिक पड़ रहा था। इसके साथ ही घास समय पर मुहैया नहीं हो पाने पर विभाग ने जिले में ही नेपियर घास की नर्सरी तैयार करना प्रारंभ कर दिया है।
ढाई सौ टन उत्पादन
सुपर नेपियर घास प्रति एकड़ लगभग ढाई सौ टन का उत्पादन होने का अनुमान है। इससे जिले में मवेशियों के लिए घास की समस्या दूर हो जाएगी।
किसानों को प्रोत्साहित करेंगे
जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत में पशु पालकों को चारा की समस्या से निजात दिलाने के लिए पहल की जाएगी। इसलिए सेंदरी के नर्सरी में तैयार होने वाले घास किसानों को देने की योजना है ताकि वे अपने बाड़ी, खेत के मेड़, बंजर भूमि में इसका रोपण करके घास तैयार कर सकेंगे। इससे मवेशियों को आसानी से चारा उपलब्ध हो सके ।
ये गांवों में नर्सरी लगाने की योजना
पशु चिकित्सा विभाग कंचनपुर के साढे़ 6 एकड़ में, ग्राम सेलर में 7 एकड़ में, बारीडीह में 4 एकड़ एवं ग्राम पौंसरी में 4 एकड़ में नर्सरी तैयार करने की योजना है।
दस एकड़ में घास की नर्सरी
जिले के ग्राम सेदरी में विभाग के 16 एकड़ में से 10 एकड़ के रकबे में नेपियर घास की नर्सरी तैयार की जा रही है। इसके पौधे किसानों को देने की योजना है ताकि गांवों में मवेशियों के लिए चारे समस्या न रहे।
-डॉ. आरके सोनवाने, जेडी पशु चिकित्सा सेवाएं,बिलासपुर