पाटिल बोले, यह मीडिया का मामला नहीं एक निजी एजेंसी के साथ मिलकर सांसद सीआर पाटिल की अगुवाई में होने वाले इस गोपनीय सर्वे का
काम अगले महीने अप्रेल से शुरू हो जाएगा। इस बारे में पूछे जाने पर पाटिल ने पहले तो कहा ऐसी कोई बात नहीं, बाद में बोले यह मामला मीडिया का नहीं है।
तीन तरह से डाटा गैदरिंग पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय, शाह-मोदी की टीम और संघ के जरिए अलग-अलग ढंग से ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक इनमें पीएमओ और की तरफ से भी जानकारी मांगी जा रही है।
एलआईबी से भी ली जा रही रिपोर्ट पार्टी आगामी राज्य के चुनावों में कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। ऐसे में सितंबर-2017 में हुए संघ के सर्वे के बाद पार्टी स्तर पर कार्यक्रम तो बनाए ही गए हैं, साथ ही अमित शाह अपनी एक टीम के जरिए समानांतर इनपुट भी ले रहे हैं। शाह की टीम एलआईबी के जरिए भी सूचनाएं इकट्ठा करवा रही। यहां से भेजी जा रही जानकारी में हर महीने सक्रिय, अतिसक्रिय, गांव में दिखाई देने वाले लोगों के अलावा स्थानीय विधायकों की गतिविधियों के बारे में डाटा मांगा जा रहा है।
टिकट बंटवारे में बनेगा आधार इस तरह की रिपोर्ट गुजरात में आम है, वहीं हाल ही में हिमाचल, उत्तराखंड में भी रिपोर्ट बनवाई गई थी। ऐसे में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी ऐसा किया जाएगा। टिकट बंटवारे में पार्टी विनेबलिटी देखने के लिए इस डाटा का इस्तेमाल कर सकती है।
डीपीआर के सब्जबाग को करेंगे खारिज राज्य सरकार के लिए राज्य के जनसंपर्क महकमे की ओर से बनाए जा रहे तमाम एजेंसियों की मदद से माहौल पर टीम शाह को भरोसा नहीं है। इसलिए वह अपना अलग सर्वे करवाएंगे।
— “ऐसी कोई बात नहीं। यह वैसे भी मीडिया में बात करने का मसला नहीं है।”
– सीआर पाटिल, भाजपा सांसद, नवसारी, गुजरात