कानन पेंडारी में 600 से अधिक वन्य प्राणी, पशु-पक्षी हैं। उनके इलाज के लिए दो डॉक्टर हैं। सीनियर डॉ. पीके चंदन को वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ ने रायपुर के जंगल सफारी के लिए जंगली भैसे को लाने हैदराबाद भेज दिया। इसमें उन्हें दस दिन लग गए। इसी बीच चौसिंघा बीमार पड़ गए। यहां के जिम्मेदार अफसर भी कई दिन तक कानन पेंडारी नहीं पहुंचे। चौसिंघा की मौत के बाद उनकी नींद खुली।
केज से 17 चौसिंघा को बाहर निकल दिया गया है। गड्डे में भरे पानी को पंप से बाहर किया जा रहा है। केज सूखने के बाद ही उसमें वन्य प्राणियों को रखा जाएगा। वहीं बीमार पड़े चौसिंघा का इलाज किया जा रहा है। जिनका स्वास्थ्य में जल्द ही होने लगा है।
केज से पानी को बाहर निकाला जा रहा है। सभी चौसिंघा को केज से बाहर कर दिया गया है। जमीन काफी गीली है, सूखने के बाद वन्य प्राणियों को अन्दर भेजा जाएगा। डायरिया पीडि़त वन्य प्राणियों की हालत सुधर रही है।
एसएस कंवर, डीएफओ