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राशनकार्ड में जिनका नाम नहीं उनका नहीं हो पा रहा मुफ्त इलाज

locationबिलासपुरPublished: Feb 23, 2020 11:38:33 am

Submitted by:

Murari Soni

ayushman bharat eligibility: दर्जन भर नियमों की पेंच ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। पुराने हेल्थ स्मार्ट कार्ड बंद हो चुके हैं और नई योजना का फंडा है कि पहले राशन कार्ड में नाम जोड़वाओ फिर योजना का लाभ पाओ।

राशनकार्ड में जिनका नाम नहीं उनका नहीं हो पा रहा मुफ्त इलाज

राशनकार्ड में जिनका नाम नहीं उनका नहीं हो पा रहा मुफ्त इलाज

बिलासपुर. राशनकार्ड में जिनका नाम नहीं है उनका इलाज नि: शुल्क नहीं हो पा रहा है। दर्जन भर नियमों की पेंच ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। पुराने हेल्थ स्मार्ट कार्ड बंद हो चुके हैं और नई योजना का फंडा है कि पहले राशन कार्ड में नाम जोड़वाओ फिर योजना का लाभ पाओ। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में नये हेल्थ स्किम को लांच किए 1 माह गुजर गया है।
विगत 17 जनवरी को प्रदेश में डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना प्रारंभ कर दी है जिससे मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना एंव प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना बंद हो गई। अब लोगों को राशन कार्ड के हिसाब से स्वास्थ्य सहायता मिलने लगेगी परंतु एक माह के दौरान इस योजना में इतनी परेशानी आ रही है।
प्राइवेट अस्पतालों में इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। पूर्व में किए गए इलाज का क्लेम नहीं मिल पाया है। ऐसे में कई अस्पताल भी नये योजना से इलाज नहीं कर रहे हैं। केवल सरकारी अस्पतालों में इस योजना से इलाज किया जा रहा है। लेकिन मुश्किलें बढ़ गई हैं। राज्य में डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना का लाभ लेने के लिए कई मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है तब जाकर इलाज की सुविधा मिल रही है।
प्राइवेट अस्पतालों में इस योजना से इलाज होना बंद ही हो गया है, जिसके कारण उनकी परेशानी बढ़ गई है। यहां तक सिजेरियन डिलीवरी को प्राइवेट अस्पताल में बद कर दिया गया है। इसके अलावा दांत की इलाज के लिए सरकारी एवं प्राइवेट अस्पताल में भी बंद कर दिया गया है। इसके अलावा दांत की इलाज के लिए सरकारी एवं प्राइवेट अस्पताल में भी बंद कर दिया है। वहीं अब योजना के तहत इलाज कराने आने वाले मरीजों को राशन कार्ड दिखाना पड़ रहा हे लेकिन इसमें भी कई लोगों के नाम नहीं है जिन्हें नि: शुल्क इलाज का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इलाज से पहले निगम जनपद के चक्कर

प्रदेश में सत्ता बदलते ही राशन कार्ड का नवीनीकरण करा दिया गया, जिसके कारण जिले में तकरीबन 54 हजार ऐसे परिवार है जो कमाने खाने गये हैं या फिर उन्हें नवीनीकरण की जानकारी नहीं हैं जिसके कारण वे नवीनीकरण नहीं करा पाये। ऐसे में अब शासन ने राशन कार्ड के जरिये इलाज की प्रकिया प्रारंभ कर दी है परंतु ऐसे कई गरीब परिवार जिनके बच्चे या फिर अन्य सदस्य का नाम राशन कार्ड में नहीं जुड़ पाया है। ऐसे लोग इस योजना से वंचित हो रहे हैं। उन्हें योजना का लाभ लेने के लिए जनपदो निगमों में राशन कार्ड में नाम जुडवाले के लिए चक्कर काटना पड़ रहा है।
इन नियमों के तहत किया जाएगा इलाज

आधार नंबर व बायोमेट्रिक से होगा मरीज का सत्यापन- मरीज की पात्रता जांचने दो मापदण्ड या डाटाबेस का उपयोग किया जायेगा- एसईसीसी हितग्राहियों की पात्रता नाम, मोबाइल नंबर व डाटा से तय होगी- पहले बने आयुष्मान कार्ड उपयोग में रहेंगे- खाद्य विभाग की वेबसाइट पर राशन कार्ड से जानकारी की सुविधा- एसईसीसी के आंकड़ों के नाम नहीं होने पर राशन काड से होगी जांच – पारिवारिक पहचान पत्र में मात्र राशनकार्ड का नंबर इसके बाद किसी भी दस्तावेज की जरुरत नहीं होगी।
नई योजना की सूची से हटाई 114 बीमारी
आयुष्मान भारत योजना में आपरेशन से लेकर सिजेरियन डिलीवरी तक की सुविधा दी गई थी लेकिन जब से योजना का स्वरूप बदला है तब से नये योजना में तकरीबन 114 प्रकार के बीमारियों का इलाज बंद कर दिया गया है। आंख की ऑपरेशन, दांतों का इलाज, सामान्य प्रसव, सिजेरियन प्रसव सहित कई प्रकार के इलाज को बंद कर दिया गया है।
राशन कार्ड दिखाते ही बनेगा ई कार्ड अस्पताल में कोई भी मरीज यदि भर्ती होता है तो उसे अस्पताल में मौजूद कियोस्क अपरेटर के पास जाकर राशन कार्ड दिखाना पड़ेगा जिसके बाद तुरंत ही वो मरीज का ई कार्ड बना देगा वहीं यदि परीजन का भी ई कार्ड बनाना है तो वो अपना एक पहचान पत्र और बायोमेट्रिक अंगूठा लगा कर तुरंत वहीं ई कार्ड बनवा सकता है।
डॉ. पुनित भारद्वाज अस्पताल अधीक्षक सिम्स

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