ज्ञात हो कि तीन अलग-अलग जन्म स्थानों व जाति की गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए भाजपा की समीरा पैकरा ने मरवाही के पूर्व विधायक अमित के खिलाफ गौरेला थाने में 420 का मामला दर्ज कराया था। शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद भी पुलिस द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं किए जाने पर पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के समक्ष प्रदर्शन कर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी। उक्त विरोध प्रदर्शन के बाद बिलासपुर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जोगी को गिरफ्तार कर गौरेला की निचली अदालत में पेश किया था। निचली अदालत में जमानत जमानत आवदेन खारिज कर जोगी को गोरखपुर उपजेल भेज दिया था। इसके दूसरे ही दिन एडीजे कोर्ट ने भी जमानत देने से इंकार कर दिया। दोनों अदालतों से जमानत आवेदन खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में चिकित्सकीय आधार पर जमानत की मांग की गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह ने जोगी की खराब सेहत का हवाला देते हुए बेहतर चिकित्सा प्रदान करने के लिए जमानत दिए जाने की गुहार लगाई गई।
साथ ही कहा गया कि इस मामले में शिकायतकर्ता पैकरा की ओर से पूर्व में दायर याचिका को हाईकोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है, लिहाजा उस प्रकरण में एफआईआर किए जाने का कोई औचित्य नहीं है। एकलपीठ ने 25 सितंबर को दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सार्वजनिक किया गया।