प्रशासन की ओर से मूॢत की ऊंचाई से लेकर पंडाल तक की साइज का निर्धारण किया जा रहा है। गाइडलाइन का अनुपालन नहीं किए बिना दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित नहीं की जा सकेंगी। निगम आयुक्त प्रभाकर पांडे ने कहा कि शासन का जो नियम है, उसे आयोजक को पालन करना पड़ेगा। जो शर्तों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। भारत सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का भी पालन करना अनिवार्य होगा।
-पंडाल में लगाने होंगे 4 सीसीटीवी कैमरे
– मूॢत स्थापना के लिए सात दिन पहले निगम की अनुमति लेनी होगी।
– जिला प्रशासन ने इस बार कांट्रैक्ट टे्रसिंग के लिए पंडाल में 4 सीसीटीवी लगाने के निर्देश दिए हैं।
– पंडाल में कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जा सकेगा।
– सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बांस-बल्ली लगाकर बैरिकेड्स करनी होगी।
– मूॢत का साइज 6 बाई 5 फीट और पंडाल 15 फीट से ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए।
– पंडाल में कुॢसयां नहीं लगेंगी, साथ ही 20 से ज्यादा लोग एक बार में वहंा मौजूद नहीं होंगे।
– मूॢत दर्शन के लिए आने वाले लोगों का भी नाम पता और मोबाइल नंबर लिखना होगा जिससे संक्रमित मिलने पर उसका कांट्रैक्ट मिल सके।
– सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवॉश, क्यू मैनेजमेंट की व्यवस्था करनी होगी।
– थर्मल स्क्रींनिंग में बुखार मिलने पर पंडाल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
– अगर पंडाल में दर्शन के लिए आया व्यक्ति अगर संक्रमित होता है तो आयोजकों को पूरा खर्च उठाना होगा।
– इस बार पूजा के दौरान जगराता, भंडारा आदि कार्यक्रमों की इजाजत नहीं होगी।
– मूॢत विसर्जन के लिए सिर्फ एक गाड़ी होगी। झांकी की अनुमति नहीं होगी।
– डीजे या किसी भी वाद्य यंत्र को बजाने की अनुमति नहीं होगी।
– विसर्जन के लिए सिर्फ एक गाड़ी और 4 लोग ही जा सकेंगे। वे भी गाड़ी में बैठकर ही जाएंगे।
– एक से दूसरे पंडाल के बीच की दूरी 250 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए।
– सिर्फ निर्धारित मार्ग से ही विसर्जन के लिए जा सकेंगे। सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद अनुमति नहीं होगी। बड़े वाहन का प्रयोग भी वॢजत होगा।