प्रदेश शासन ने आरक्षकों के 2259 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है। उक्त विज्ञापन के खिलाफ पूर्व विज्ञापन के आवेदकों परमेश्वर यादव, आशीष सिंह व रुपेश साहू द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर विज्ञापन पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि वे पूर्व में ली गई परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं, नियुक्ति पत्र देने की बजाय विज्ञापन जारी कर नई प्रविष्टियां मंगाई जा रही हैं, ये सरासर गलत है, उन्हें नियुक्ति पत्र दी जाए।
शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस भादुड़ी की सिंगलबेंच में हुई। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने शासन को नोटिस जारी करते हुए 18 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई तक विज्ञापन पर रोक लगा दी है। दरअसल भाजपा शासन द्वारा आरक्षकों की भती किए जाने के आदेश पर वर्तमान सरकार ने कुछ दिव पूर्व ही रोक लगाते हुए नए सिरे से विज्ञापन जारी किया है।
मामले की पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि परीक्षा की तमाम अर्हताओं को पूरा कर चुके हैं। इसके बाद भी रिजल्ट पेंडिंग किया जाना अनुचित है। इस संबंध में शासन से कई बार रिजल्ट जारी करने के अनुरोध के बाद भी परिणाम जारी नहीं जारी कर नए सिरे से बहाली की जा ही है। इस पर रोक लगाई जाए व पूर्व में उत्तीर्ण आवेदकों को नियुक्ति पत्र दी जाए।
मामले की पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि परीक्षा की तमाम अर्हताओं को पूरा कर चुके हैं। इसके बाद भी रिजल्ट पेंडिंग किया जाना अनुचित है। इस संबंध में शासन से कई बार रिजल्ट जारी करने के अनुरोध के बाद भी परिणाम जारी नहीं जारी कर नए सिरे से बहाली की जा ही है। इस पर रोक लगाई जाए व पूर्व में उत्तीर्ण आवेदकों को नियुक्ति पत्र दी जाए।