प्रदेश की स्थापना से पहले और बाद में भी यह सिलसिला जारी है। नवंबर 2001 से लापता होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिले में एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना पर पुलिस गुमशुदगी दर्ज करती है। थानों में दर्ज गुमशुदगी के प्रकरणों में लापता व्यक्तियों की तलाश करने के लिए दूसरे प्रदेश और जिलों में पुलिस टीम भेजी जाती है। लापता व्यक्तियों की तस्वीर और सूचना संबंधी पोस्टर चस्पा करते हैं, ताकि सुराग मिले।
कोरोना के चलते रुका पुलिस का अभियान
जिले में लापता लोगों को तलाश करने पुलिस ने पिछले 3 साल तक लगातार अभियान चलाया, जिसमें पुलिस को सफलता भी मिली। पुलिस को धार्मिक स्थलों, अनाथ आश्रम, रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंड के आसपास रहने वाले भिखारियों के साथ रह रहे लापता व्यक्ति को ढूंढ निकाला।
7 महीनों में 433 लापता 226 ही मिले
वर्ष 2020 के सात महीनों में जिले से 298 महिलाएं और 135 पुरुष लापता हुए हैं। इनमें से पुलिस ने 145 महिलाओं और 81 पुरुषों को बरामद करने के बाद उनके परिजनों के सुपुर्द किया है। वहीं 153 महिलाएं और 54 पुरुषों का पुलिस सुराग नहीं लगा पाई है।
एएसपी संजय ध्रुव ने कहा कि लापता व्यक्तियों को तलाश करने लगातार पुलिस प्रयास कर रही है। दूसरे जिलों के थानों को वायरलेस के माध्यम से सूचनाएं भी भेजी जा रही हैं। लापता व्यक्तियों को तलाश में विशेष अभियान चलाया जाएगा।