यहां रेलवे स्टेशन परिसर से सटी रेलवे की आवासीय कॉलोनी जमीनी तल से काफी नीचे है। जमीनी तल से नीचे होने सेे कॉलोनी में बारिश के पानी की निकासी नहीं हो पाती है। बारिश के दिनों में तो यह कॉलोनी ताल-तलैया बन जाती है।
यहां रेलवे स्टेशन परिसर से सटी रेलवे की आवासीय कॉलोनी जमीनी तल से काफी नीचे है। जमीनी तल से नीचे होने सेे कॉलोनी में बारिश के पानी की निकासी नहीं हो पाती है। बारिश के दिनों में तो यह कॉलोनी ताल-तलैया बन जाती है।
कॉलोनी में बने क्वार्टरों में भी सड़क का पानी भर जाता है। कॉलोनी के जमीनी तल से नीचे होने से यहां निवास करने वाले कार्मिकों व उनके परिवार वालों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। अधिक बारिश होने पर कार्मिकों को प्लेटफार्म स्थित कमरों में शरण लेनी पड़ती है।
दरअसल, यहां पर रेलवे के कार्मिकों व गैंगमैनों के लिए दो कॉलोनियों में दर्जनों क्वार्टर बने हुए है। यह क्वार्टर करीब 50 साल पूर्र्व बने हुए है। ऐसे में यह क्वार्टर जमीनी तल से काफी नीचे बने हुए है। कॉलोनी से पानी की समुचित निकासी नहीं होने सेे यहां कार्मिकों को काफी परेशानी झेेलनी पड़ी है। यहां पर गैंगमैन व रेलवे अधिकारियों व कार्मिकों के लिए दर्जनों क्वाटर्र बने हुए है।
डूब गए थे क्वार्टर
गत जुलाई माह में शहर में आई बाढ़ के दौरान यहां की रेलवे कॉलोनी पूरी तरह से जलमग्न हो गई थी। क्वार्टरों में चार-पांच फीट पानी घुस गया है। इसमें निवास करने वाले कार्मिक जैसे-तैसे परिवार सहित मकानों से बाहर निकले, लेकिन खाद्य सामग्री व कपड़े बाढ़ में बेकार हो गए।
बाढ़ के दौरान चार दिन तक कार्मिकों को परिवार सहित प्लेटफार्म पर ही शरण लेनी पड़ी थी। यहां रेलवे के आवासीय क्वार्टर से पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। पानी की समुचित निकासी नहीं होने से बारिश का पानी जमा रहता है।
आवाजाही में परेशानी
रेलवे कॉलोनी जमीनी तल से काफी नीचे है। ऐसे में यहां पर बारिश के दिनों में काफी परेशानी होती है। कॉलोनी में काफी पानी जमा रहता है। पानी के चलते लोगों को आवाजाही में भी परेशानी होती है।
-जगदीश कुमार, नागरिक
बाहर निकलना हो जाता है मुश्किल
बारिश में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। घर के बाहर दो-तीन फीट तक पानी चलता है। क्वार्टरों का लेवल खूब नीचा है। पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है।
-किशनलाल , नागरिक
स्टेशन परिसर बनता है तालाब
बारिश में पूरा स्टेशन परिसर तालाब बन जाता है। सभी ओर सेे पानी स्टेशन परिसर में जमा हो जाता है। पानी कई दिनों तक परिसर में जमा रहता है। ऐसे में यहां पर मच्छर भी पनपते है। बाढ़ में यह कॉलानियों चार दिन तक जलमग्न रही।
-गणपतसिंह
नागरिक कीचड़ पसरता है।
बारिश का पानी जमा रहने से यहां पर कीचड़ पसरता है। लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी होती है। खासकर महिलाओं को आवाजाही में दिक्कतें उठानी पड़ती है। कीचड़ में गिरने से कई बार कपड़े भी बेकार होते है।
-गोविन्दसिंह, नागरिक