रिश्वत मांगने और बदसलूकी से त्रस्त पंचायत ने महिला पटवारी को हटाने का प्रस्ताव किया पास
बिलासपुरPublished: Jul 10, 2017 11:47:00 pm
5 हजार से लेकर 11 हजार रुपए तक फिक्स कर रखा है रेट बिना रकम दिए नहीं करती नामांतरण, बंटवारा, फौती उठाने का काम
बिलासपुर. मस्तूरी विकासखंड ग्राम पंचायत गुड़ी के लोग एक महिला पटवारी से इतने परेशान हैं कि उसे हटाने के लिए ग्राम पंचायत में प्रस्ताव पास किया गया है। कहा जा रहा है कि महिला पटवारी ने हर काम के लिए रेट तय कर रखा है। 5 से लेकर 11 हजार रुपए तक रिश्वत लेती है। ग्रामीणों का आरोप है कि नामांतरण, बंटवारा और फौती उठाने जैसा कोई काम पटवारी बिना पैसे के नहीं करती। पैसे नहीं देने पर ग्रामीणों से दुव्र्यवहार भी करती है। ग्रामीणों ने सोमवार को जनदर्शन में पटवारी के ख्खिलाफ शिकायत करते हुए उसे हटाने की मांग की।
मस्तूरी विकासखंड के ग्राम पंचायत गुड़ी के पटवारी हल्का नंबर 5 की पटवारी मंजू सोनवान करीब डेढ़ वर्ष से पदस्थ है। ग्रामीणों का आरोप है कि भूमि से संबंधित कोई भी कार्य कराने जाने पर किसानों से पैसे की मांग की जाती है। मनमाफिक रकम नहीं मिलने पर वह संबंधित व्यक्ति को दुत्कार देती है।
पूरी पंचायत त्रस्त-
ग्राम पंचायत में राजस्व से कार्य कराने वाले हर व्यक्ति पटवारी की हरकतों से त्रस्त है। आखिरकार ग्राम पंचायत की सरपंच सीता बाई साहू, राजेंद्र धीवर के नेतृत्व में करीब पचास लोग पटवारी के खिलाफ शिकायत लेकर सोमवार को जनदर्शन में पहुंचे। इसमें ग्रामीणों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपकर पटवारी मंजू सोनवान को तत्काल हटाने की मांग की गई। एडीएम ने इस मामले की जांच के लिए मस्तूरी के एसडीएम को पत्र लिखा है।
इन किसानों से मांगे पैसे-
जनदर्शन में पीडि़तों ने बताया कि पटवारी मंजू सोनवान ने कृषक नंद कुमार साहू से 11 हजार रुपए की मांग की। मनोज यादव से 6 हजार, रामबहोरन लास्कर से 9 हजार, लक्ष्मीनारायण गुप्ता से 6 हजार, राजकुमार गुप्ता से 5 हजार, अजय साहू से 7 हजार रुपए की मांग की। इन किसानों ने नामांतरण, बंटवारा एवं फौती के लिए मोटी रकम मांगने पर राशि देने में असमर्थता जताई तो उनके काम नहीं हुए।
पत्रिका व्यू…
कोई नहीं सुधार सका व्यवस्था, नए कलेक्टर से उम्मीद-
कलेक्टर पी. दयानंद ने राजस्व प्रकरणों की समीक्षा के दौरान राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों की कारगुजारियों को लेकर तल्ख टिप्पणी की। कड़ी नसीहत देकर कार्रवाई की चेतावनी भी दी। लेकिन राजस्व अमले पर इसका असर होता नहीं दिख रहा। लोग अब भी नामांकन, सीमांकन, बंटवारा आवेदन और नक्शा-खसरा के लिए भटक रहे हैं। शहर से लेकर गांव तक लोग राजस्व विभाग के रवैए और वसूली से परेशान हैं। जिले में कई अफसर आए, लेकिन व्यवस्था सुधार पाने में सफल नहीं हो सके। अब लोगों को नए कलेक्टर से काफी उम्मीदें हैं।