उत्तर प्रदेश में इमाम और उलेमा ने एक और फरमान जारी किया है। इसके तरह जिस भी शादी में डीजे बजेगा या शराब का सेवन किया जाएगा उसका निकाह नहीं पढ़ा जाएगा।
उत्तर प्रदेश में इमाम और उलेमा ने एक और फरमान जारी किया है। इसके तरह जिस भी शादी में डीजे बजेगा या शराब का सेवन किया जाएगा उसका निकाह नहीं पढ़ा जाएगा।
यह फरमान बिजनौर में इमाम और उलेमा की बैठक में जारी किया गया। बैठक में यह फैसला लिया गया कि शादी में डीजे बजाने वालों और शराब पीने-पिलानों वालों के यहां निकाह नहीं पढ़ाया जाएगा।
इमाम और उलेमाओं ने कहा कि डीजे और शराब इस्लाम के वसूलों के खिलाफ है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि समाज से बुराइयों को दूर करने के लिए हर मस्जिद के क्षेत्र में 10 लोगों की कमेटी बनाई जाएगी।
मस्जिद कुरैशियान में आयोजित बैठक में चाहशीरी स्थित जामा मस्जिद इमाम मौलाना अनवारुल हक ने कहा कि हमारे नबी गाने-बजाने को दुनिया से दूर करने आए थे। लेकिन अब मुसलमान ही गाने-बजाने को बढ़ावा दे रहे हैं। यह सरासर गलत है। उन्होंने कहा जिस शादी में डीजे बजेगा या बारात चढ़ेगी, शराब पी या पिलाई जाएगी, वहां पर कोई भी इमाम निकाह नहीं पढ़ेगा।
यहूदी और ईसाइयों का तरीका
जमीयत उलेमा जिला सचिव कारी अरशद महमूद ने कहा कि शराब पीना या डीजे बजाना इस्लाम का नहीं बल्कि यहूदी और ईसाइयों का तरीका है। मुसलमानों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि शादी में डीजे बजाने और शराब परोसने पर पाबंदी जरूरी है।