काली कमाई करने वाले अफसर को 19 साल बाद मिली सजा
बिलासपुरPublished: Dec 08, 2016 11:21:00 am
एसीबी को राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित के बिलासपुर कार्यालय में पदस्थ
तत्कालीन मंडल प्रबंधक रामलाल राठौर पिता जैराम राठौर के पास आय से अधिक
संपत्ति होने की शिकायत मिली थी।
बिलासपुर. विशेष कोर्ट ने काली कमाई के आरोपी 73 वर्षीय सेवानिवृत्त विपणन अधिकारी को 2 वर्ष कठोर कारावास व 1 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की रकम भुगतान नहीं करने पर आरोपी को 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। एसीबी ने 19 साल पहले वर्ष 1997 में छापेमारी के बाद आरोपी अधिकारी के खिलाफ अपराध दर्ज किया था। अब आरोपी अफसर रिटायर हो चुका है। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) गीता नेवारे की अदालत में हुई। बुधवार को फैसले के वक्त आरोपी अधिकारी को व्हील चेयर पर अदालत में पेश किया गया।
एसीबी को राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित के बिलासपुर कार्यालय में पदस्थ तत्कालीन मंडल प्रबंधक रामलाल राठौर पिता जैराम राठौर के पास आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत मिली थी। जांच के बाद एसीबी की टीम ने 31 जनवरी 1997 को अधिकारी के प्रियदर्शिनी नगर स्थित मकान पर छापेमारी की थी। कार्रवाई के दौरान 1 लाख 40 हजार रुपए नगदी 3 लाख 60 हजार रुपए के जेवरात, विलासिता की वस्तुएं, जबड़ापारा में आवासीय भूखंड, प्रियदर्शिनी नगर में दो मंजिला मकान, जांजगीर में दो मंजिला मकान, गृहग्राम सिवनी जिला जांजगीर में मकान, रायपुर चौबे कालोनी में पत्नी के नाम आवासीय भूखंड, कृषि भूमि के दस्तावेज सहित लगभग 35 लाख रुपए की संपत्ति का पता चला था। एसीबी ने उनके 10 वर्ष की सेवा में आय का आंकलन किया।
आरोपी अधिकारी जुलाई 1984 से जनवरी 1997 तक वरिष्ठ लेखा अधिकारी, जिला प्रबंधक एवं मंडल प्रबंधक के पद में पदस्थ था। इस तरह वेतन, कृषि व अन्य स्रोत से लगभग 17 लाख रुपए आय का अनुमान लगाया गया। अधिकारी की 18 लाख 11 हजार रुपए की संपत्ति अनुपातहीन पाई गई। एसीबी ने धारा 13, 2 सहपठित धारा 13 (2) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालय में चालान पेश किया। आरोपी 9 लाख 36 हजार रुपए का हिसाब नहीं दे पाया।
न्यायालय ने अपराध सिद्ध होने पर सेवानिवृत्त अधिकारी रामलाल राठौर को सजा सुनाई। न्यायालय ने आरोपी से जब्त नगद रकम 1 लाख 40 हजार चौबे कालोनी में पत्नी के नाम खरीदा गया आवासीय भूखंड प्रियदर्शिनी नगर के मकान को प्रावधान के तहत अपील अवधि के बाद राजसात करने का आदेश दिया है।
आरोपी की उम्र है 73 साल
एसीबी की कार्रवाई के कुछ समय बाद ही आरोपी अधिकारी सेवानिवृत्त हो गया। उम्र 73 को पार कर रही है। मामला 19 वर्ष से लंबित था। इतने वर्षों बाद आरोपी की हालत ये कि वह बीमार होने की वजह से चल नहीं सकता। सुनवाई के दौरान आरोपी अधिकारी को व्हील चेयर पर अदालत में पेश किया गया।
1.40 लाख नगदी, जमीन राजसात करने के आदेश
अदालत ने आरोपी से जब्त नगद रकम 1 लाख 40 हजार रुपए, रायपुर के चौबे कालोनी में पत्नी के नाम पर खरीदी गई आवासीय भूमि व प्रियदर्शिनी नगर के मकान को प्रावधान के तहत अपील अवधि के बाद राजसात करने का आदेश दिया है।