सूदखोरों के आतंक से चौथी मौत, किसान ने लगाई फांसी
बिलासपुरPublished: Jun 27, 2015 11:46:00 pm
सूदखोर के आतंक से तंग आकर गांव के
खार में शनिवार को एक और किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अभियान के बावजूद यह चौथी मौत है।
बिलासपुर. सूदखोरों के खिलाफ पुलिस प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा अभियान बेअसर साबित हो रहा है। शनिवार को एक और किसान ने सूदखोर के आतंक से तंग आकर गांव के खार में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अभियान के बावजूद यह चौथी मौत है।
सूदखोर से था परेशान
सूदखोरों के आतंक से तंग आकर मस्तूरी थानांतर्गत मल्हार सहायता केंद्र क्षेत्र के सोनारपारा निवासी विकास पिता मेलराम सतनामी (30 साल) ने शनिवार को गांव के खार में एक पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जाता है कि गांव का ही भुवनेश्वर शुक्रवार की रात उधारी की रकम के तकादे के लिए उसके घर आया था। विकास घर पर नहीं था। भुवनेश्वर ने उसके बेटे उमाशंकर से रकम का तकादा किया और देख लेने की धमकी दी।
ये है मामला
बताया जाता है कि विकास और भुुवनेश्वर कमाने खाने के लिए सालभर पूर्व दीगर प्रांत गए थे। भुवनेश्वर ने पचपेड़ी के किसी लेबर सरदार से विकास को उधार में 12 हजार रुपए दिलाया था। इसी रकम को लेकर उस पर दबाव बनाया जा रहा था, जिससे परेशान होकर विकास ने आत्महत्या कर ली।
तीन माह में चार मौत
पुलिस प्रशासन के अभियान के बावजूद तीन माह में सूदखोरों के आतंक से यह चौथी मौत है। पुलिस का कहना है कि विकास के पिता मेलाराम ने भुवनेश्वर से पूछा भी था कि किसका कितना पैसा देना है मुझे बताओ, लेकिन भुवनेश्वर इस पर विकास से ही चर्चा करने की बात कहकर लौट गया था।
रसूखदारों को मौका-विभिन्न थानों में दर्ज सूदखोरी के मामलों में अभी तक जिन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वे छोटे-मोटे कारोबारी हैं। पुलिस ने अभी तक राजनीतिक पार्टियों से जुड़े रसूखदार नेताओं और कारोबारियों पर हाथ ही नहीं डाला है, उन्हें जमानत का मौका दिया जा रहा है। एक भाजपा नेता को तो सिविल लाइन पुलिस ने पकड़कर लाने के बाद बडे नेताओं का फोन आने पर थाने से ही छोड़ दिया था, जो आज तक खुला घूम रहा और कारोबार कर रहा है।