फर्जीवाड़ा को समझिए ; बिजली की खपत कम करने के लिए उज्जवला योजना के तहत हरेक उपभोक्ता को अधिकतम 5 बल्ब लेने का अधिकार है। नगद लेने पर एक बल्ब की कीमत 85 रुपए है, जबकि किस्त में लेने पर 90 रुपए। किस्त में खरीदी के लिए डाउन पेमेंट के तौर पर प्रति बल्ब 10 रुपए तत्काल जमा करना पड़ता है। शेष राशि 10-10 रुपए के मान से महीने के बिजली बिल में जोड़कर भेजी जानी है। समझिए कि आपने 5 बल्ब लिए तो आपको मौके पर 50 रुपए देने होंगे। इसके आगे अगले 8 महीने तक 50-50 रुपए आपके बिजली बिल में जुड़कर आएगा।
बिल को जांचिए: आपके मकान, दुकान में बिजली का कनेक्शन है, और बिजली बिल आ रहा है तो इसकी जांच करिए। देखिए कि बिल के 44 नंबर कॉलम में अतिरिक्त लिखकर कुछ राशि जोड़ी तो नहीं गई है। यदि अतिरिक्त राशि दर्ज है, और आपने विद्युत कंपनी से कोई एलईडी बल्ब नहीं लिया है, तो समझिए कि आप भी फर्जीवाड़े के शिकार हो चुके हैं।
रकम वापस कराएंगे- प्रवीण सोनी
बिजली विभाग एलईडी बल्ब का वितरण केंद्रीय उर्जा मंत्रालय के आधीन की कंपनी ईईएफएल के जरिए करा रहा है। कंपनी के सीनियर इंजीनियर प्रवीण सोनी ने स्वीकार किया कि इस तरह की गड़बड़ी सामने आई है। गड़बड़ी कैसे हुई यह जांच का विषय है। यदि किसी उपभोक्ता के बिल में बिना बल्ब खरीदी के राशि जुड़ी है तो संबंधित वितरण केंद्र के बल्ब काउंटर पर शिकायत दर्ज कराएं। राशि लौटा दी जाएगी।
बिजली विभाग एलईडी बल्ब का वितरण केंद्रीय उर्जा मंत्रालय के आधीन की कंपनी ईईएफएल के जरिए करा रहा है। कंपनी के सीनियर इंजीनियर प्रवीण सोनी ने स्वीकार किया कि इस तरह की गड़बड़ी सामने आई है। गड़बड़ी कैसे हुई यह जांच का विषय है। यदि किसी उपभोक्ता के बिल में बिना बल्ब खरीदी के राशि जुड़ी है तो संबंधित वितरण केंद्र के बल्ब काउंटर पर शिकायत दर्ज कराएं। राशि लौटा दी जाएगी।
बिला एलईडी लिए बिजली बिल में किस्त की वसूली करने की शिकायत मेरे पास नहीं आई है। वैसे एलईडी से संबंध सारी जिम्मेदारी कंपनी की है। इस बारे में अफसरों से जानकारी ली जाएगी।
पीके कश्यप, अधीक्षण यंत्री, (ग्रामीण) बिजली विभाग
पीके कश्यप, अधीक्षण यंत्री, (ग्रामीण) बिजली विभाग