चुनाव प्रक्रिया में बदलाव के विरोध में भाजपा ने धरना प्रदर्शन कर सरकार को कोसा
बिलासपुरPublished: Oct 17, 2019 12:15:44 pm
अतिरिक्त कलेक्टर को सौंपा राज्यपाल के नाम ज्ञापन
चुनाव प्रक्रिया में बदलाव के विरोध में भाजपा ने धरना प्रदर्शन कर सरकार को कोसा
बिलासपुर. भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को निकाय चुनाव में किए गए बदलाव के विरोध में नेहरू चौक पर प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। पदाधिकारियों ने जनता से मेयर और अध्यक्ष चुनने का अधिकार छीनकर अप्रत्यक्ष चुनाव कराने तथा ईवीएम के बजाए बैलेट पेपर से चुनाव कराने के फैसले को लेकर सरकार की खिलाफत करते हुए जमकर नारेबाजी की। धरना प्रदर्शन के बाद राज्यपाल के नाम अतिरिक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदेश प्रवक्ता भूपेेंद्र सवन्नी ने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने शासन की मंशानुरुप महापौर और अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से कराने और ईवीएम के बजाए बैलेट पेपर से कराने की सिफारिश की है। इन पूर्व नियोजित सिफारिशों से यह बात स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस सरकार इस चुनाव को प्रभावित करना चाहती है। शासन के इस निर्णय से सत्ताबल, धनबल और बाहुबल का जमकर दुरुपयोग होगा। इससे जहा श्रम, समय और कागज की बर्बादी होगी वहीं पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा शासकीय अमले के चुनाव कार्य में रत होने के कारण जनता का काम प्रभावित होगा।
भाजपा जिलाध्यक्ष व बेलतरा विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि प्रदेश निर्माण से अब तक महापौरों के चुनाव प्रत्यक्ष पद्धति द्वारा ही होते रहे हैं। चुनाव के परिणाम चाहे जो भी हो भाजपा ने हमेशा जनादेश को स्वीकार किया है। खुद ईवीएम से चुनकर आई सरकार को वैसे भी बैलेट पेपर से चुनाव कराने के निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। अगर कांग्रेस सरकार को ईवीएम पर भरोसा नहीं है तो पहले उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। इस निर्णय से गंभीर नुकसान पहुंचने की आशंका है।
मस्तूरी विधायक डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि कांग्रेस सरकार को खुद पर भरोसा नहीं है इसलिए जनता को सीधे अध्यक्ष व महापौर चुनने के अधिकार से वंचित करने के लिए यह सारा कुचक्र रचा गया है। शासन के इस निर्णय का हर स्तर पर भाजपा विरोध करेगी। प्रदेश भर में सत्ताधारी दल के लोग हिंसा एवं अन्य उपायों का सहारा लेकर प्रदेश का माहौल खराब करेंगे। बैलेट पेपर से चुनाव कराने से बूथ कैप्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। निकायों में दलबदल कानून भी नहीं है ऐसे में खरीद फरोख्त की राजनीति भी होगी। उन्होंने मतदाताओं से अपना महापौर चुनने का अधिकार छीन लेने की कोशिश को आपत्तिजनक और घोर निंदनीय बताया है।
महापौर किशोर राय ने कहा कि छत्तीसग? सरकार जनता से उनका मताधिकार छीन कर पार्षदों के जरिए महापौर और अध्यक्ष का चुनाव कराकर जनता से धोखा कर रही है। आमजनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है।
धरने को पूर्व महापौर विनोद सोनी, जोन प्रभारी महेश चंद्रिकापुरे, मंडल अध्यक्ष धीरेन्द्र केशरवानी, विभा गौरहा, संजय मिश्रा, प्रकाश यादव, दाउ शुक्ला, किरण सिंह, पवन ठाकुर, जवाहर बांधेकर ने संबोधित कर राज्य सरकार के खिलाफ लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए पुरानी पद्धति से ही नगरीय निकाय चुनाव कराए जाने की मांग की। धरना प्रदर्शन के बाद कलेक्टर की गैरमौजूदगी में अतिरिक्त कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
धरना प्रदर्शन में भाजयुमो जिलाध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर, जिला महामंत्री रामदेव कुमावत, जिला उपाध्यक्ष स्नेहलता शर्मा, सभापति अशोक विधानी, राजेश मिश्रा, अजीत सिंह भोगल, प्रवीण दुबे, मनीष अग्रवाल, चंद्रप्रकाश मिश्रा, जयश्री चौकसे, संध्या सिंह, सीमा पाण्डेय, संध्या चौधरी, रश्मि मौर्य समेत अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।