गर्मी शुरू (summer) होते ही लोग ब्लड डोनेट (Blood donate) करना कम कर देते हैं, जिसके कारण इस मौसम में शहर के ब्लड बैंकों (blood banks)में, सरकारी ब्लड बैंकों में खून की कमी (blood) हो जाती है। (a myth) (Blood donation)
जरुरत है तो स्वयं करें खून का इंतजाम, गर्मी में सूख गए अस्पतालों के ब्लड बैंक, गर्मी के कारण रक्तदान करने भी नहीं आ रहा कोई
बिलासपुर. (Bilaspur)गर्मी शुरू होते ही लोग ब्लड डोनेट (Blood donate) करना कम कर देते हैं, जिसके कारण इस मौसम में शहर के ब्लड बैंकों में खून की कमी हो जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि गर्मी के दिनों में ब्लड डोनेट करने वालों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है, लेकिन यह लोगों के बीच भ्रम फैल गया है कि गर्मी के दिनों में ब्लड डोनेट करने से शरीर कमजोर हो जाता है। इसी भ्रम के कारण इन दिनों जरुरतमंद मरीजों (Needy Patients)को समय पर ब्लड उपलब्ध नहीं हो रहा है। सिम्स, जिला अस्पताल, अपोलो जैसे संस्थान में खून की कमी हो गई है। लोगों के बीच में आम धारणा है कि गर्मी के दिनों में रक्तदान करने से स्वास्थ्य में गिरावट आती है, इसी भ्रम (a myth) में पड़ कर लोग गर्मी के मौसम में रक्तदान नहीं करते, जिसके चलते हर साल गर्मी के मौसम आते ही शहर में खून की किल्लत हो जाती है। पिछले दिनों खामियों के मद्देनजर शहर के दो ब्लड बैंक का लाइसेंस टर्मिनेट कर दिया गया था।
ये भी पढ़ें- जिला अस्पताल से सम्बंधित खबरें जिसके चलते शहर में इन दोनों ही वजह से स्थिति चिंताजनक हो चुकी है। फिलहाल शहर में खून की भारी कमी बनी हुई है। जिसकी वजह से जरुरतमंदों को ब्लड के लिए भटकना पड़ रहा है। फिलहाल शहर में जिला अस्पताल, एकता ब्लड बैंक और सिम्स के ब्लड बैंक में खून की उपलब्धता है, लेकिन काफी सीमित मात्रा में। दूसरी ओर जज्बा एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी द्बारा खून की आपूर्ति संभव होती है, लेकिन सोसायटी ज्यादातर थैलेसीमिया पीडि़त बच्चों को चिन्हांकित कर ब्लड उपलब्ध करा रही है।
शहर में प्रतिदिन औसतन ब्लड की मांग संस्था – रक्त की आवश्यकता अपोलो – 40 यूनिट सिम्स अस्पताल – 35 यूनिट जिला अस्पताल – 18 यूनिट एकता ब्लड बंैक – 15 यूनिट अन्य निजी अस्पतालों में – 30 यूनिट से अधिक
वर्जन- गर्मी के कारण(SUMMER EFFECT) लोग ब्लड डोनेट काफी कम करते हैं। कुछ संस्था इस तरह का काम करते हैं लेकिन उन्हे निजी ब्लड बैंक वालों को दे देते हैं इसलिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डाक्टर मनोज जायसवाल , एआरएमओ जिला अस्पताल
रक्तदान के बारे में भ्रांतियां रक्तदान करना को लेकर अभी भी लोगों में बड़ी भ्रांतियां हैं। ज्यादातर लोगों को लगता है कि रक्तदान करने से उनकी सेहत पर असर पड़ेगा। रक्तदान करने से बीमारियों का शिकार होना पड़ेगा। रक्तदान तकलीफ देह है, एक बार से ज्यादा रक्तदान नहीं कर सकते, तनाव बढ़ता है, प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, ब्लड प्रेशर स्थिर नहीं रहता, इंफेक्शन का डर, वजन पर फर्क पड़ता है, आयरन की कमी होती है, धूम्रपान करने वाले रक्तदान (Blood donation)नहीं कर सकते। जबकि यह महज भ्रांतियां हैं। रक्तदान करने वालों को गर्मी के दिनों में भी कुछ नहीं होता है। डॉ. पंकज टेम्भुनिकर, विभागाध्यक्ष मेडिसीन विभाग