फाइलों में कैद गौरवपथ कांड का जिन्न आया बाहर
बिलासपुरPublished: Dec 10, 2018 11:23:15 am
पूर्व जांच अधिकारी ने गवाही देने के लिए मांगा प्रमाणित दस्तावेज
फाइलों में कैद गौरवपथ कांड का जिन्न आया बाहर
बिलासपुर. विधानसभा चुनाव के बाद गौरवपथ अनियमितता कांड की जांच फिर शुरू हो गई है। जिन अफसरों पर आरोप लगे हैं वे रायपुर दौड़ लगा रहे हैं, शनिवार को फिर सभी पांच आरोपियों ने जांच अधिकारी के समक्ष अपना जवाब दाखिल किया। वहीं मामले के गवाह मुख्यअभियंता लोक निर्माण विभाग ने जांच अधिकारी से गवाही के लिए प्रकरण से जुड़े अभिलेख मुहैया कराने की मांग की है। चर्चित गौरवपथ अनियमितता कांड की जांच की प्रक्रिया तेज हो गई है। जांच अधिकारी नगरीय प्रशासन विभाग के मुख्य अभियंता एसके जैन के नोटिस पर इस मामले में आरोपित प्रभारी कार्यपालन अभियंता पीके पंचायती, उपअभियंता ललित त्रिवेदी, प्रभारी सहायक अभियंता सुरेश शर्मा, प्रभारी सहायक अभियंता गोपाल सिंह ठाकुर और उपअभियंता श्याम मनोहर उज्जैनी अपने ऊपर लगे आरोपों के संबंध में जवाब दाखिल करने शुक्रवार को जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित हुए। सभी ने अपना पक्ष रखा वहीं इस मामले में पूर्व में जांच अधिकारी रहे लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता एसके शर्मा को गवाह बनाया गया है वे भी गवाही के लिए जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित हुए। लोनिवि के मुख्य अभियंता ने जांच अधिकारी के समक्ष गवाही के लिए मामले से जुड़े अभिलेख की प्रति और गौरवपथ निर्माण के लिए रामाअवतार कंस्ट्रक्शन और सांई कंस्ट्रक्शन कंपनी व नगर निगम के बीच हुए एग्रीमेंट के प्रति की मांग की है।
पूर्व एससी ने दे दी थी क्लीन चिट
पूर्व में हुए विभागीय जांच में तत्कालीन अधीक्षण अभियंता ने इस मामले के आरोपियों को क्लीनचिट दे चुके हैं, वहीं लोक निर्माण विभाग के ईएनसी ने जांच के बाद निर्माण कार्य में अनियमितता का उल्लेख किया था।
लीपापोती का प्रयास भी बेअसर, डामरीकृत सड़क भी बैठ गई
हाईकोर्ट द्वारा जांच के निर्देश देने के बाद निगम प्रशासन ने इस मामले में आरोपित अफसरों को बचाने के लिए आनन-फानन में उधड़ी-धंसी गौरवपथ पर डामरीकरण करा दिया। इसके बाद सड़क की कोर कटिंग कर जांच के लिए लैब में भेजा गया जहां गड़बड़ी सामने आ गई। डामरीकरण कराने के बाद भी गौरवपथ जगह-जगह उघड़-धंस गई है।