सालभर कयासों के बाद शैलेष कांग्रेस में, एक्टिव कोटा में नाम चल रहा बिलासपुर में
बिलासपुरPublished: Jul 04, 2017 01:00:00 am
बिलासपुर की ऊबी जनता और निराश कांग्रेसियों को चाहिए विकल्प
After years of speculation in Shailesh Congress, in the active quota, the name is being run in Bilaspur
बिलासपुर. सीवीआरयू के रजिस्टार शैलेष पांडेय ने आखिरकार सोमवार को कांग्रेस की सदस्यता ले ही ली। जिस तरह से वे कई सामाजिक, धार्मिक व जनता से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय थे, उससे उनके राजनीति में आने की चर्चा सालभर से चल रही थी। उनकी सक्रियता कोटा क्षेत्र में दिखाई दे रही है, लेकिन नाम बिलासपुर से जोर शोर से चल रहा है। इससे भाजपा खेमे में भी उथल -पुथल होने लगी है।
बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। शैलेष पांडेय जिस तेवर से सक्रिय हैं, उसके मद्देनजर उनके कांग्रेस प्रवेश से यहां पार्टी की स्थिति मजबूत होने के आसार हैं। दूसरी तरफ कोटा में भी सियासी हलचल तेज हो गई है। जोगी का जाति मामला सामने आने के बाद रेणु जोगी को वहां से टिकट मिलना मुश्किल हो गया है। सोमवार का दिन राजनीति के क्षेत्र में उथल-पुथल और चौंकाने वाला रहा।
दोपहर 12 बजे के बाद एकाएक राजनीति में भूचाल आ गया। कांग्रेस, भाजपा की गतिविधियों के साथ ही आम लोग जोगी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर चर्चा करते रहे। सरकारी दफ्तरों में भी इस विषय पर बातें होती रहीं। हर कोई अजीत यह जानना चाह रहा था, कि जोगी की जाति मामले में क्या हुआ।
इस बीच एक और घटना घटी सवा बजे के आसपास कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल व सीवीआरयू के रजिस्ट्रार शैलेष पांडेय कांग्रेस भवन पहुंचे। यहां सीनियर पदाधिकारियों के बीच उन्होंने कांग्रेस प्रवेश किया। इसके साथ ही सियासी सरगर्मी बढ़ गई और राजनीतिक समीकरणों पर सोशल मीडिया में भी चर्चा चल पड़ी। यह कयास भी शुरू हो गए कि पाण्डेय कहां से चुनाव लड़ सकते हैं।
कोटा में कांग्रेस को चाहिए दमदार नेता : जोगी कांग्रेस के गठन के बाद भी कोटा विधायक रेणु जोगी कांग्रेस में बनी हुई हैं, लेकिन जिस तरह के सियासी समीकरण बन रहे हैं, 2018 के विधानसभा चुनाव में रेणु को वहां से टिकट मिलना मुश्किल होगा। संकेत मिल रहे हैं कि सीवी रामन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार शैलेष पांडेय को पार्टी कोटा से उतारने का मन बना चुकी है। कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि पीसीसी चीफ व नेता प्रतिपक्ष की लिस्ट में कोटा से शैलेष पांडेय का नाम है।
बिलासपुर में भी विकल्प की तलाश: शैलेष पांडेय का नाम बिलासपुर विधानसभा सीट स भी लिया जा रहा है। यहां कांग्रेस कमजोर स्थिति में है। इसकी वजह है कांग्रेस में जनता से जुड़े लोकप्रिय नेता की कमी। संगठनों में बैठे और खुद को बड़े नेता बताने वाले अधिकतर कांग्रेसियों की छवि जनता के बीच बिजनेसमैन की है। उनका व्यवहार भी उसी तरह है। वहीं शैलेष पांडेय की मंत्री अमर अग्रवाल से लंबे समय से सियासी जंग भी चल रही है। उन्होंने बिना किसी संगठन के सहारे अकेले खिलाफत की है।
कांग्रेस के लिए दमदार प्रत्याशी : बीजेपी की कोटा क्षेत्र से लगातार हार की एक वजह यह भी है कि वहां पार्टी के पास कोई दमदार प्रत्याशी नहीं है। अधिकांश चुनावों में बीजेपी ने बिलासपुर या किसी दीगर इलाके के नेता को कोटा में उतारा। और हर बार उसे नाकामी मिली। वैसे भी मथुरा प्रसाद दुबे के बाद राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल का वहां पर कब्जा रहा। वर्तमान में शैलेष पांडेय को कांग्रेस जीतने वाला उम्मीदवार मान रही है। इसकी वजह है कि कोटा में शिक्षा के क्षेत्र में पिछले एक दशक से काम करने के साथ कुछ दिनों से वहां वे सामाजिक कामों में भी सक्रिय है। संसाधनों में भी कमजोर नहीं हैं। यूनिवर्सिटी का एक बड़ा सिस्टम उनके पास है।
बिना शर्त कांग्रेस में प्रवेश: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पत्रिका से चर्चा के दौरान कहा कि शैलेष पाण्डेय को बिना किसी शर्त के कांग्रेस प्रवेश कराया गया है। पार्टी में वे एक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करेगें। वे कोटा या बिलासपुर से चुनाव लड़ेगे, एेसी कोई शर्त पार्टी में शामिल होने के लिए नहीं रखी गई है।