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बहुओं को परिवार का सदस्य न मानने पर SECL को हाईकोर्ट की फटकार, कहा- दोबारा ऐसा किया तो..

locationबिलासपुरPublished: Oct 21, 2021 10:58:42 am

Submitted by:

Ashish Gupta

जमीन अधिग्रहण के बाद नौकरी (Job after land acquisition) को लेकर परेशान करने पर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने एसईसीएल (South Eastern Coalfields Limited) को कड़ी फटकार लगाई है।

Bilaspur High court

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बिलासपुर. जमीन अधिग्रहण के बाद नौकरी (Job after land acquisition) को लेकर परेशान करने पर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने एसईसीएल (South Eastern Coalfields Limited) को कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस पी सेम कोशी की सिंगल बेंच ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि भविष्य में यह कृत्य दोबारा किया तो दोषी विभाग और कर्मचारियों पर जुर्माना लगाया जाएगा। एसईसीएल (SECL) ने भूस्वामी की बहुओं को परिवार का सदस्य न मानते हुए नौकरी देने से इनकार किया था।
हाईकोर्ट ने भू-स्वामी के पुत्रों की रोकी गई नौकरी की प्रक्रिया को तत्काल पूर्ण कर उन्हें नौकरी देने का आदेश दिया है। परिवार के मुखिया द्वारा पढ़ी-लिखी बहुओं को भी नौकरी दिये जाने की मांग वाली लंबित याचिका पर सुनवाई जारी है। बता दें कि एसईसीएल ने याचिकाकर्ता दौलतराम के 4 पुत्रों के नौकरी की प्रक्रिया को भी इस आधार पर रोक दिया कि हाईकोर्ट में मामला पेंडिंग है। इस मुद्दे पर याची ने वकील शिशिर दीक्षित के माध्यम से एक और याचिका दायर कर कहा कि एसईसीएल उन्हें नौकरी के नाम पर परेशान कर रहा है।

यह है मामला
रायगढ़ जिले के रहने वाले दौलतराम की 32 एकड़ जमीन को एसईसीएल ने खदान के लिए अधिग्रहित किया। अधिग्रहण प्रावधान के अनुसार प्रति दो एकड़ के एवज में एक नौकरी का प्रावधान है। इस हिसाब से 32 एकड़ पर परिवार को 16 नौकरी मिलनी थी। एसईसीएल ने दौलतराम के 4 पुत्रों को नौकरी दिए जाने की प्रक्रिया शुरू की थी।

इस बीच दौलतराम ने एसईसीएल को आवेदन प्रस्तुत कर कहा कि 4 नौकरियों के बाद भी उसके पास 12 नौकरी शेष है लिहाजा उनकी पढ़ी लिखी 2 बहुओं को नौकरी दी जाए। एसईसीएल ने बहुओं को नौकरी दिए जाने वाले आवेदन को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि परिवार की क्षेणी में बहुएं नही आती। परिवार के मुखिया दौलतराम ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई।
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