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चिकित्सा शिक्षा विभाग में संविलियन नियमों को चुनौती, शासन को नोटिस

locationबिलासपुरPublished: May 25, 2022 06:58:26 pm

Submitted by:

AVINASH KUMAR JHA

चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत स्वशासी महाविद्यालय के लिए बनाए गए आदर्श नियमों में संविलियन के सम्बंध में बनाए गए नियम अस्पष्ट होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग में संविलियन नियमों को चुनौती, शासन को नोटिस

चिकित्सा शिक्षा विभाग में संविलियन नियमों को चुनौती, शासन को नोटिस

बिलासपुर। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत स्वशासी महाविद्यालय के लिए बनाए गए आदर्श नियमों में संविलियन के सम्बंध में बनाए गए नियम अस्पष्ट होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि जानबूझकर इस अस्पष्ट नियम का फ़ायदा उठाकर संविदा चिकित्सा अध्यापकों को सीधे पदोन्नति के पदों पर संविलियन किया जा रहा है। कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी किया है।
यह याचिका प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालय में कार्यरत सह प्राध्यापकों द्वारा अधिवक्ता सुदीप अग्रवाल एवं विकास दुबे के माध्यम से प्रस्तुत की गई है। याचिका में स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय के आदर्श भर्ती नियम, 2019 के नियम 5 एवं अनुसूची 2 को संविधान के अनुच्छेद 16 के उल्लंघन के आधार पर चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि नियम 5 की आड़ में संविदा में कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों को सीधे पदोन्नति के पदों पर नियमित किया जाना गलत है। इससे भविष्य में याचिकाकर्ताओं की पदोन्नति पर विपरीत असर पड़ेगा। मुख्य न्यायाधीश की डिविज़न बेंच ने शासन से जवाब तलब किया है एवं स्थगन हेतु प्रस्तुत आवेदन पर सुनवाई ग्रीष्म कालीन अवकाश के बाद रखी गई है।
यह याचिका प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालय में कार्यरत सह प्राध्यापकों द्वारा अधिवक्ता सुदीप अग्रवाल एवं विकास दुबे के माध्यम से प्रस्तुत की गई है। याचिका में स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय के आदर्श भर्ती नियम, 2019 के नियम 5 एवं अनुसूची 2 को संविधान के अनुच्छेद 16 के उल्लंघन के आधार पर चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि नियम 5 की आड़ में संविदा में कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों को सीधे पदोन्नति के पदों पर नियमित किया जाना गलत है। इससे भविष्य में याचिकाकर्ताओं की पदोन्नति पर विपरीत असर पड़ेगा। मुख्य न्यायाधीश की डिविज़न बेंच ने शासन से जवाब तलब किया है एवं स्थगन हेतु प्रस्तुत आवेदन पर सुनवाई ग्रीष्म कालीन अवकाश के बाद रखी गई है।

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