इसके अलावा ओवर लोड और अमानक केबल की बात सामने आई। घटना के दौरान सिम्स प्रबंधन ने स्वीकार तो किया, लेकिन इसकी जांच आज तक नही कराई। उसी घटिया केबल से अभी बिजली की सप्लाइ्र की जा रही है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सिम्स प्रबंधन को एक बार फिर किसी बड़ी घटना का इंतजार है। सिम्स में आगजनी की घटना के बाद बिजली का पेनल बोर्ड घटिया तार बदलने सहित अनेक कार्य के लिए लगभग 11 लाख रुपए की इस्टीमेंट बनाकर भेजा गया है लेकिन इसकी स्वीकृति अभी तक नहीं मिल पाई है।
परिजन सकते में आए
सिम्स की पेनल बोर्ड में शार्ट सक्रिट की जानकारी होने के बाद वे सभी लोग सकते में आ गए थे जिनके नवजात यहां के एनआईसीयू में भर्ती हैं। नवजात के परिजन उनको देखने के लिए एनआईसीयू के अंदर घुसने का प्रयास कर रहे थे हंगामा से बचने के लिए प्रबंधन ने दूर से नवजातों को दिखाया।
सिम्स की पेनल बोर्ड में शार्ट सक्रिट की जानकारी होने के बाद वे सभी लोग सकते में आ गए थे जिनके नवजात यहां के एनआईसीयू में भर्ती हैं। नवजात के परिजन उनको देखने के लिए एनआईसीयू के अंदर घुसने का प्रयास कर रहे थे हंगामा से बचने के लिए प्रबंधन ने दूर से नवजातों को दिखाया।
विद्युत कार्य में सुधार के लिए लगभग 11 लाख रुपए की इस्टीमेंट बनाकर भेजा गया है, लेकिन स्वीकृति नहीं मिल पाई है। इलेक्ट्रीशियन की भी मंाग की गई। वर्तमान में वार्ड ब्वाय इलेक्ट्रीशियन का काम कर रहे हैं। शार्ट सर्किट के कारण हल्की चिंगारी उठी थी।
डॉ. पुनीत भारद्वाज, प्रभारी अस्पताल अधाीक्षक सिम्स
डॉ. पुनीत भारद्वाज, प्रभारी अस्पताल अधाीक्षक सिम्स