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शहर की चानी ऐरी होंगी राष्ट्रीय स्तर पर टीचर एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित, डिजिटल माध्यमो से बच्चों को करती हैं शिक्षित

locationबिलासपुरPublished: Nov 23, 2020 03:34:12 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

नवाचार विधियों से खुद के खर्च पर बच्चों को शिक्षित करने के साथ उन्हें राखी बनाने से लेकर अन्य स्वावलंबी कार्यों का ज्ञान दिया। कोरोना काल में उन्होंने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया। गणेश पंडाल में बैठे बच्चों की भी उन्होंने ऑनलाइन क्लास लेकर पढ़ाया।

शहर की चानी ऐरी होंगी राष्ट्रीय स्तर पर टीचर एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित, डिजिटल माध्यमो से बच्चों को करती हैं शिक्षित

शहर की चानी ऐरी होंगी राष्ट्रीय स्तर पर टीचर एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित, डिजिटल माध्यमो से बच्चों को करती हैं शिक्षित

बिलासपुर. बच्चों को नए अंदाज में खुद को खर्च पर शिक्षित करने वाली शहर की शिक्षिका चानी ऐरी को फोर्थ स्क्रीन एजुकेशन बिकानेर राजस्थान की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। देश भर के 200 शिक्षकों में से 34 शिक्षकों की सूची में चानी ऐरी को शामिल किया गया है।

फोर्थ स्क्रीन एजुकेशन बिकानेर राजस्थान की ओर से बच्चों को शिक्षित और काबिल बनाने वाले शिक्षिकों को प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाता है। वर्ष 2020 में इस अवार्ड के लिए देशभर से 34 शिक्षकों को शामिल किया है जिसमें सीपत के ग्राम पंधी स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला की शिक्षिका चानी ऐरी को स्थान मिला है। चानी ऐरी ने बताया कि उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को शिक्षित और काबिल बनाने का काम सन 2009 से शुरू किया था।

नवाचार विधियों से खुद के खर्च पर बच्चों को शिक्षित करने के साथ उन्हें राखी बनाने से लेकर अन्य स्वावलंबी कार्यों का ज्ञान दिया। कोरोना काल में उन्होंने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया। गणेश पंडाल में बैठे बच्चों की भी उन्होंने ऑनलाइन क्लास लेकर पढ़ाया।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी हिन्दी मीडियम स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम बनाने की योजना शुरू की है, जिसके तहत उनका लाला लाजपत राय स्कूल में चयन किया गया था, लेकिन उन्होंने अंग्रेजी माध्यम स्कूल में जाने से इनकार कर दिया और पंधी गांव के बच्चों को पढ़ाने और उन्हें पैरों पर खड़े करने का बीड़ा उठाया।

इस काम के लिए उन्हें फोर्थ स्क्रीन एजुकेशन बिकानेर की संस्था ने नेशनल अवार्ड के लिए फायनलिस्ट 200 शिक्षाकों की सूची में शामिल किया था। इसके बाद वोटिंग और ज्यूरीमेंबरों ने उन्हें 34 शिक्षकों की अंतिम सूची में स्थान दिया है। उन्होंने बताया कि अवार्ड मिलने के बाद भी वह बच्चों को नवाचार विधियों के माध्यम से सीखती रहेंगी।

बच्चों के लिए सप्ताह में दो दिन होती हैं स्पर्धाएं

चानी ऐरी ने बतायाकि बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उनके मनोरंजन के लिए सप्ताह में शनिवार व रविवार को ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए क्वीज व अन्य स्पर्धाएं आयोजित की जाती हैं, इसे बच्चों को कोरोना काल में भी स्कूल जैसा माहौल मिलता है और वे स्कूल जैसे वातावरण में पढ़ाई कर पाते हैं।

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