नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Dharamlal Kaushik) ने कोरबा जिले में 8 जुलाई को एक हाथी की हुई मौत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार हाथियों के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में पूरी तरह से नाकाम है, जिसके चलते हाथियों की लगातार मौतें हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 9 जून से लेकर 8 जुलाई तक 1 महीने के भीतर करीब सात हाथियों की मौत हुई है, जो एक चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अब तक सूरजपुर जिले में दो, बलरामपुर व धमतरी जिले में एक-एक हाथियों के साथ रायगढ़ जिले में दो हाथियों की मौत एक माह के भीतर हुई है। अब फिर से कोरबा जिले में एक हाथी की मौत से प्रदेश के वन विभाग के कामकाज पर सवाल उठा रहा है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ का वन विभाग (Chhattisgarh Forest Department) का अमला और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम 24 दिनों तक उपचार करने के बाद भी बीमार हाथी को नहीं बचा पाए। बुधवार की शाम करीब 6:30 बजे उसकी कोरबा के कुदमुरा में मौत हो गई। वह 14 जून की सुबह कुदमुरा रेंज स्थित ग्राम गुरमा में एक किसान की आंगन में पढ़ाते हुए उन्हें मुंह पड़ा हुआ था।
पिछले 3 दिनों से उसकी हालत ज्यादा बिगड़ गई थी। सुबह उसने खाना पीना बंद करते ही शरीर की हलचल भी बंद हो गई थी। बता दें कि पिछले 1 महीने से लेकर अब तक 7 हाथियों की अलग-अलग घटनाओं में मौत हो चुकी है। इसमें से एक भी हाथी के मौत का कोई ठोस कारण सामने नहीं आ पाया है।