छत्तीसगढ़ में संक्रामक रोगों और जीवनशैली से होने वाली बीमारियों के विषय में और भी काम किए जाने की जरूरत है। इस क्षेत्र में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र के चिकित्सकों को इस दिशा में बेहतर काम करना चाहिए ताकि लोगों में जागरूकता हो। ये बातें एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया के छत्तीसगढ़ चैप्टर द्वारा दो दिवसीय 14वां सीजीएपियॉन -2020 के शुभारंभ अवसर पर चेन्नई से आए एपीआई के नेशनल प्रेसिडेंट और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ. एस. अरुलराज ने कही। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में देशभर से फिजीशियन शामिल हुए हैं, जिन्होंने अपने अनुभव साझा किए हैं, निश्चित रूप से इसका लाभ छत्तीसगढ़ के चिकित्सकों के साथ यहां की जनता को भी मिलेगा। यहां के चिकित्सक बहुत ही मेहनती और उत्साही है।
सिर्फ व्यायाम नहीं नहीं इसमें भी सुधार आवश्यक
कार्यक्रम में बोलते हुए कार्यक्रम के अध्यक्ष और वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ पीसी मनोरिया ने कहा कि हृदय रोग से बचने के लिए सिर्फ व्यायाम ही काफी नहीं है। युवाओं को अपने खान पान, रहन-सहन और जीवनशैली को भी व्यवस्थित करना होगा । छत्तीसगढ़ के युवा विशेषकर इसके शिकार हो रहे हैं। आर्थिक रूप से पिछड़े इस राज्य के लिए चिंता की बात है।
ऐसे विषयों का चयन जो लाभदायक
इस अवसर पर प्रोफेसर एंड हेड जीएमसी अंबिकापुर और ऑर्गेनाइजिंग प्रेसिडेंट डॉ लखन सिंह ने कहा कि हमारी साइंटिफिक टीम ने ऐसे विषयों का चयन किया है, जिसे सभी बीमारियों की जानकारी यहां विशेषज्ञ दे रहे हैं । यह बिलासपुर और छत्तीसगढ़ के चिकित्सकों लिए एक ज्ञान अर्जन करने का अवसर है।
देश भर से पहुंचे चिकित्सक
कार्यक्रम में प्रोफेसर पीसी मनोरिया भोपाल, प्रोफेसर वी नागराजन कोयंबतूर, प्रोफेसर जी. नरसीमोलू हैदराबाद, प्रोफेसर एस. अरूरहज चेन्नई, प्रोफेसर विजय नेगरूल मुंबई, प्रोफेसर वी.के.भारद्वाज जबलपुर, प्रोफेसर विभूति शाह कोलकाता, प्रोफेसर अपूर्व पौराणिक इंदौर, डॉ. मंगेश तिवासकर मुंबई, डॉ. रविंद्र सारनाईक नागपुर, डॉ. अविनाश पोफली नागपुर, नागपुर, डॉ. प्रशांत भंडारकर डॉ ऋपि लोहिया शामिल हैं।
प्रदेश से ये रहे शामिल इसी तरह छत्तीसगढ़ प्रदेश से प्रोफेसर शशांक गुप्ता, प्रोफेसर वी.एन. मिश्रा, डॉ प्रभात पांडे, डॉ. जवाहर अग्रवाल, डॉ देवेंदर सिंह, डॉ प्रवीण कालवीट, डॉ मनोज राय डॉ सजल सेन, डॉ.जावेद अली, डॉ.एम.पी. सयामल, डॉ प्रमोद बिनापक, डॉ. समित श्रीवास्तव, डॉ सांत्वना चंद्राकर , डॉ भावना रायजादा सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक शामिल हुए।
यह चिकित्सक हुए सम्मानित- इस अवसर पर डॉ एस. गुप्ता को चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए कि डॉ. के.के. श्रीवास्तव लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया । इसी तरह डॉ प्रवीण कालवीट को एस.के. तिवारी मेमोरियल सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम में सीनियर फिजिशियन डॉ. नेमी चोपड़ा ,दुर्ग को सीजीएपिकॉन का नया अध्यक्ष चुना गया है।
कोरोना से लेकर मलेरिया तक की चर्चा कार्यक्रम के ऑर्गेनाइजिंग सेके्रटरी और सीनियर फिजीशियन अविजित रायजादा ने बताया कि आज पहले दिन कोरोना वाइरस, टाईफाइड,सिकलसेल, एनिमिया, मलेरिया सहित लगभग सभी बीमारियों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। छत्तीसगढ़ के चिकित्सकों को छत्तीसगढ़ में होने वाली बीमारियों की संपूर्ण जानकारी, नई तकनीक, नई मशीनों की अपडेशन पर विशेषज्ञों ने जानकारी दी। डॉ. रायजादा ने बताया कि इस आयोजन में देश के सभी राज्यों के चिकित्सा विषय विशेषज्ञ, समस्त मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ और प्रोफेसर शामिल हुए है।
किसने क्या कहा
यहां के लोगों को जागरूकता की जरूरत- डॉ. मंगेश तिवासकर इस अवसर पर मुंबई से आए डॉक्टर मंगेश तिवासकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य को लेकर बेहतर कार्य हो रहे हैं लेकिन अभी भी डायबिटीज ,सिकल सेल, एनीमिया, किडनी से संबंधित रोगों , सहित कई संक्रामक रोगों के बारे में जागरूकता की बेहद जरूरत है। छत्तीसगढ़ के लोग अभी भी बीमारी और उसके इलाज के संबंध में कम जानकारी रखते हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत में सबसे ज्यादा जरूरत रोडसाइड मेडिसिन और इमरजेंसी सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है। इस दिशा में छत्तीसगढ़ में कार्य किया जाना चाहिए, ताकि लोगों को ऐसी सुविधा मिल सके ।
ऐसे आयोजन भी चिकित्सकों के लिए पाठशाला- डॉ नागराजन
इस अवसर पर चेन्नई से आए न्यूरोलॉजिस्ट डॉ विजय नागराजन ने कहा कि ज्ञान कभी भी स्थिर नहीं होना चाहिए । इसे लगातार हस्तांतरित होते रहना चाहिए । ऐसे आयोजनों से ज्ञान का हस्तांतरण होता है, जो निश्चित ही समाज के लिए लाभदायक होता है । उन्होंने कहा कि किसी भी ज्ञान के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय कॉलेज स्कूल जाने की जरूरत नहीं ऐसे आयोजन भी पाठशाला की होते हैं।
देशभर के चिकित्सकों को बड़ा संदेश- पांडे इस अवसर पर दुर्ग के फिजीशियन डॉ प्रभात पांडे ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में इस तरह के कार्यक्रम निश्चित ही चिकित्सकों को लाभ पहुंचाएंगे। इस आयोजन से देशभर के चिकित्सकों को बड़ा संदेश भी गया है, कि हम सब किसी विषय पर लगातार चर्चा करें और अपने ज्ञान को साझा करें । इसका लाभ मरीजों और आम जनता को मिलता है।