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कहीं बेटे को मुखाग्नि देकर परिजन पहुंचे वोट डालने, तो कहीं एंबुलेंस से पहुंचे वोट देने, विकलांग ने किया 30 किलोमीटर का सफर

locationबिलासपुरPublished: Apr 24, 2019 12:16:56 pm

Submitted by:

Murari Soni

इस लोकसभा चुनाव की चार महत्वपूर्ण बातें जो लोगों का लोकतंत्र में भरोसा कायम करती हैं

Chhattisgarh Unique story in Lok sabha election

कहीं बेटे को मुखाग्नि देकर परिजन पहुंचे वोट डालने, तो कहीं एंबुलेंस से पहुंचे वोट देने, विकलांग ने किया 30 किलोमीटर का सफर

लोरमी: मुखाग्नि देकर परिजन पहुंचे वोट डालने,
लोरमी पत्रिका. अपने दु:ख दर्द भूल कर लोकतंत्र का धर्म निभाने का एक अनुकरणीय दृश्य लोरमी में देखने को मिला। बिलासपुर लोकसभा चुनाव में मतदान विधानसभा लोरमी के ग्राम पंचायत टेकनपारा में मतदान के दिन कैंसर से 16 वर्ष के बच्चे की मौत हो गयी। घर में मातम फैला हुआ था, लेकिन परिवार ने देश धर्म निभाया। बेटे को मुखाग्नि देने के बाद परिवार के सभी सदस्य एकजुट होकर मतदान करने के लिए निकल गये। टेकनपारा मतदान केन्द्र 205 अंतर्गत 16 वर्षीय मुरारी ध्रुव की मौत कैंसर की वजह से हो गयी। बेटे को मुखाग्नि देने के बाद परिवार के सदस्य मतदान करने के लिए पोलिंग बूथ पर पहुंचे, जहां पर लोगों ने उनको ढांढ़स बंधाते हुये दुख घड़ी में ईश्वर से कामना की। उनके फैसले का लोग वाहवाही करते रहे। स्वीप कार्यक्रम के तहत अनेक प्रकार की जानकारी मतदान संबधी दिया जा रहा था।
उम्र 91 की, 73 साल से लगातार कर रहे वोट
बिलासपुर ञ्च पत्रिका. वन विभाग से सेवानिवृत्त अधीक्षक लक्ष्मण लाल तम्बोली ने मंगलवार को 91 वर्ष की उम्र में व्हीलचेयर पर बैठकर मतदान केंद्र पहुंचकर मतदान किया। वे पिछले 73 वर्ष से हर आम चुनाव में लगातार मतदान करते हुए हो गए । जूना बिलासपुर संत रविदास नगर निवासी लक्ष्मण लाल तम्बोली की उम्र 91 वर्ष हो गई है। वे मंगलवार को बिलासपुर लोकसभा चुनाव में मतदान करने उनकी सुपुत्री पुष्पाजंली आटोरिक्शा में लेकर मतदान केंद्र क्रमांक 137 पहुंचे । मतदान केंद्र में उपलब्ध व्हीलचेयर से मतदान कक्ष तक ले जाया गया। उनका मतदाता सूची में सरल क्रमांक 76 है। तम्बोली ने पहली बार वर्ष 1951 में नगर पालिका के चुनाव में मतदान किया था। लगातार वे विधानसभा चुनाव ,हर लोकसभा चुनाव और स्थानीय निकाय के चुनाव में मतदान करते आ रहे है।
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unique story in Lok sabha election” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/04/24/07_4472496-m.jpg”>ट्राइसिकल से वोट डालने 30 किमी का सफर
करगी कोटा पत्रिका. दसवीं तक पढ़ा लिखा रामअवतार समझता है कि एक वोट की कीमत क्या है, दोनों पैरों से नि:शक्त होने के बावजूद वह कोटा करगीखुर्द से तपती दोपहरी में अपने मताधिकार का प्रयोग करने ट्राईसाइकिल से कोनी सेंदरी जाने निकला था। चुनावी रिपोर्टिंग के लिए निकली पत्रिका की टीम जब कोटा से आगे बढ़ी तो रास्ते में ट्राईसाइकिल पर एक नि:शक्तजन बिलासपुर रोड पर जाते दिखा। रोककर चर्चा करने पर उसने बताया कि उसका नाम रामअवतार जायसवाल है। क्या आपने मतदान किया पूछने पर उसने कहा कि मतदान करने के लिए ही अपने गांव बिलासपुर कोनी सेंदरी जा रहा हूं। यहां अपने मामा के यहां आया था इतनी धूप में क्यों पूछने पर उसने बताया कि घर में काम काज करते समय हो गया।
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टूटा जबड़ा, फिर भी एंबुलेंस से पहुंचे वोट देने
बिलासपुर पत्रिका. जम्मू कश्मीर स्टडी सेंटर से जुड़े सदस्य राजमणि मिश्रा का बीते दिन बड़ा एक्सीडेंट हो गया था। इस गंभीर अवस्था में वह वोट डालने के लिए पहुंचा और लोगों के लिए मिसाल बने। राज नारायणी अस्पताल में भर्ती हंै और जबड़े में तीन फ्रेक्चर है। इसके बाद भी वह एक नागरिक के कर्तव्य को पूरा करने के लिए अस्पताल की एम्बुलेंस से मतदान केन्द्र कोल इंडिया कार्यालय भवन कुदुदंड पहुंचे। कष्ट होने के बाद भी वह व्हील चेयर में बैठकर मतदान कक्ष तक गया और वोट किया।
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