एग इंडस्ट्री के जानकारों ने बताया कि क्षेत्र में प्रति माह 10 लाख चिकन की बिक्री होती थी। इसी तरह 2 लाख अंडे प्रतिदिन बिकते थे, लेकिन अब यह बिक्री 75 प्रतिशत तक घट गई है। बीते एक माह में अंचल में चिकन की बिक्री घटकर मात्र ढाई लाख चिकन की रह गई है। वहीं अंडों की बिक्री एक माह में घटकर 1 लाख प्रतिदिन हो गई है। इसका कारण यही है कि शोसल मीडिया में कोरोना वायरस मांसाहार से फैलता है जब से यह अफवह उड़ी है तब से लोगों ने मांसाहार से तैबा कर लिया है।
थोक मार्केट में जनवरी 2020 में अंडे 4 रुपए 25 पैसे प्रति नग , चिकन 70 से 80 रुपए किलो में बिक रहा था। फरवरी में मांसाहार से कोरोना वायरस फैलने की खबरों से बिक्री घटना शुरू हो गई। अभी थोक मार्केट में अंडे का रेट 3 रुपए प्रति नग रह गया है। वहीं चिकन का रेट 15 से 30 रु. किलो तक आ गया है। कई जगह तो चिकन सेंटर वाले माइक और लाउड़स्पीकर का प्रयोग कर चिकन को 50 का दो और 15 से 20 रु . किलों चिल्ला-चिल्ला कर बेच रहें है।
एग इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि चिकन मटन खाने से कोरोना वायरस नहीं फैलाता कुछ दिनों पहले ही बर्ड फ्लू की खबर भी फैली थी जो केवल पक्षी प्रजाती के होते थे ऐसे में भी चिकन के रेट गिरे थे लेकिन बाद में पता चला कि राज्य में इसका असर ही नहीं हुआ वहीं डॉक्टरों की माने तो समान्यता मांसाहार चिकन मटन से वायरस नहीं फैलता लेकिन फिर भी सतर्कता जरुरी है इसलिए चिकन मटन को बनाने से पहले अच्छे से गर्म कर उबल ले और कच्चा मांस न खाए।
डॉ. प्रमोद महाजन सीएमएचओ