कबीरधाम पुलिस ने उल्टा पुलिस कर्मियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर दिया। मामले में आरोपी पटवारियों की शिकायत पर डीजीपी डीएम अवस्थी ने साइबर सेल के 1 एसआई व दो आरक्षकों को निलंबित कर दिया। मामले की जांच का जिम्मा डीआईजी सुशील चन्द्र द्विवेदी को दिया गया है।
पटवारी तहसील कार्यालय कवर्धा जिला कबीरधाम में पदस्थ पटवारी सतानंद चन्द्राकर ने डीजीपी से शिकायत की थी जिसमें पटवारी ने नवंबर 2018 में बिलासपुर साइबर सेल में पदस्थ एसआई प्रभाकर तिवारी आरक्षक संतोष यादव व विकास यादव ने बिलासपुर के सरकंडा थाने में दर्ज 420 के मामले में गिरफ्तार करने घर पहुंचे और अभद्र व्यवहार करने की विरोध करने पर पुलिस कर्मियों ने उनके साथ मारपीट की थी।
मामले की शिकायत कबीरधाम थाने में दर्ज कराई गई थी। पुलिस कर्मियों के साथ सतानंद व उसके साथियों ने मिलकर मारपीट करते हुए शासकीय वाहन में तोडफ़ोड़ की थी। मामले में पुलिस ने आरोपी सतानंद के खिलापु शासकीय कार्य में बाधा डालने और तोडफ़ोड़ का मामला दर्ज किया था। आरोपी साथ ही पुलिस कर्मियों की शिकायत पर भी सतानंद व सुरेन्द्र चन्द्राकर समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया था।
इस मामले में आरोपी पटवारी सतानंद की शिकायत पर डीजीपी डीएम अवस्थी ने डीआईजी सुशील चन्द्र द्विवेदी को प्रारंभिक जांच करने के आदेश देते हुए एसआई प्रभाकर तिवारी, आरक्षक विकास यादव व संतोष यादव को सस्पेंड कर दिया है।
ऐसे की ठगी: कबीरधााम जिले के पांडातराई थानांतर्गत ग्राम धोर पोड़ी निवासी प्रदीप चन्द्राकर पिता सुरेन्द्र चल्द्राकर कबीरधाम जिले में पटवारी है। उसने वर्ष 2015 में कबीरधाम के जिले के ग्राम दुल्लापुर निवासी व पटवारी सतानंद चन्द्राकर और कबीरधाम निवासी अरूण वर्मा के साथ मिलकर सरकण्डा में कैरियर ड्रीम एजुकेशन एकेडमी का संचालक शुरू किया था। प्रतियोगी परीक्षा के लिए एजुकेशन एकेडमी में बेरोजगार युवको को कोचिंग देने और मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी लगाने का झांसा देकर कक्षाएं आयोजित करते थे।
प्रदीप, सतानंद और अरुण ने मिलकर प्रतियोगी परीक्षा में साथ पढ़ाई करने वाले सिम्स के डॉ. संजय बंजारे पिता छेरका प्रसाद बंजारे (28) को एनटीपीसी, एसईसीएल, जिला पंचायत और प्रदेश के सरकारी विभागों से करोड़ों का प्रोजेक्ट मिलने की जानकारी दी। तीनो ने डाक्टर को बताया कि वे एनजीओ संस्था चलाते हैं,जिसे सरकारी विभागों के बड़े-बड़े करोड़ों के प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए काम मिलता है।
प्रोजेक्ट मिलने के बाद वे ठेकेदारो से काम करवाते हैं और प्रोजेक्ट की कुल लागत का उन्हें 40-50 $फीसदी मुनाफा होता है। तीनों ने डाक्टर को प्रोजेक्ट में पैसे लगाने पर लाभ मिलने का झांसा दिया। झांसे में आकर डॉ. संजय ने तीनों को 39 लाख 40 हजार रुपए दिए थे। रकम लेने के बाद 2-3 बार तीनों ने उसे लाभ की राशि दी थी। इसके बाद उससे ली गई रकम को वापस नहीं किया। वर्ष 2016 में तीनों एजुकेशनल एकेडमी बंद कर फरार हो गए थे।
राज्य मानसिक चिकित्सालय के पांच कर्मचारियों से भी की ठगी
मेंटल हॉस्पिटल के रोडियोग्राफर व नूतन कॉलोनी सरकण्डा निवासी विजेन्द्र कुमार खांडेकर पिता खेमदास (31) से 6 लाख 69 हजार की ठगी ।
मेंटल हॉस्पिटल के लैब टेक्निशियन व बंगाली पारा सरकण्डा निवासी व्यास नारायण कश्यप पिता रामकुमार (42)से 1लाख 50 हजार की ठगी
मेंटल हॉस्पिटल के फार्मासिस्ट व कपिल नगर सरकण्डा निवासी अजय धु्रव पिता गीता राम धुव (28) से 2 लाख की ठगी
मेंटल हॉस्पिटल के लैब टेक्निशियन व आरके नगर निवासी राकेश राठौर पिता केपी राठौर (33) से 2 लाख की ठगी
मेंटल हॉस्पिटल के लैब टेक्निशियन व टिकरापारा निवासी चन्द्रमणी सिंह ठाकुर पिता रूद्र प्रताप सिंह ( 40 ) से 3लाख रुपए की ठगी
–शिकायत कर्ता सतानंद ने उसके खिलाफ 6 एफआईआर एक के बाद एक कैसे और आधार पर दर्ज की गई इसकी शिकायत की है। कबीरधाम में पुलिस कर्मियों द्वारा उससे मारपीट करने की एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस कर्मियों ने भी शिकायत कर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराईहै। शिकायत की जांच के आदेश सीआईड प्रभारी को दिए गए हैं। तीनों पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। शिकायत कर्ता के खिलाफ मामले दर्ज हैं तो उसके खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई होगी।
डीएम अवस्थी, डीजीपी छत्तीसगढ़