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पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के सांसद पुत्र अभिषेक सिंह को हाई कोर्ट ने दिया बड़ा झटका, परिवार पर आ गई बड़ी आफत

locationबिलासपुरPublished: Jul 24, 2019 08:50:35 pm

Submitted by:

Murari Soni

Chit Fund scam: चिटफंड मामले में पूर्व सीएम रमन सिंह के लड़के अभिषेक सिंह को हो सकती है 3 से 10 वर्ष की सजा

Chit Fund scam: High Court order on former CM Raman Singh's son

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के सांसद पुत्र अभिषेक सिंह को हाई कोर्ट ने दिया बड़ा झटका

बिलासपुर. चिटफंड घोटाले(Chit Fund scam)में पूर्व सीएम रमन सिंह(Former cm raman singh ) के सांसद पुत्र अभिषेक सिंह(Abhishek Singh) व राजनांदगांव के पूर्व महापौर मधुसूदन यादव(Madhusudan Yadav)को हाईकोर्ट(bilaspur high court) ने बड़ा झटका दिया है। जस्टिस शरद गुप्ता ने एकलपीठ ने 24 जुलाई को अपना सुरक्षित रखा फैसला सुनाते हुए राज्य शासन को मनी लांड्रिंग मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश देते हुए प्रवर्तन निदेशालय को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही राज्य शासन को मामले में जांच जारी रखने का आदेश दिया है। एकलपीठ के आदेश के बाद अब अभिषेक को मनी लांड्रिंग(Money laundering) मामले में किसी स्थिति में अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी साथ ही कम से कम 3 वर्ष व अधिकतम 10 वर्ष की सजा के साथ एक लाख का जुर्माना देना पड़ सकता है।
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चिटफंड फर्जीवाड़ा मामले में अंबिकापुर सत्र न्यायालय ने अभिषेक सिंह व मधुसूदन यादव समेत 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद पूर्व सांसद के खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया था। अभिषेक ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जस्टिस गुप्ता की एकलपीठ ने 22 जुलाई को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
करोड़ों रुपए की ब्लैक मनी को व्हाइट किया गया

इस मामले में शासन की ओर से मामले की पैरवी करते हुए महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि चिटफंड घोटाले में करोड़ों रुपए की ब्लैक मनी को व्हाइट किया गया है। बड़े पैमाने पर फर्जी कंपनियां, स्कूलों समेत अन्य जगहों पर निवेश किया गया है। इन पैसों से कई बड़े इवेंट कराए गए हैं, लिहाजा पूरे मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय से कराई जाए साथ ही दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की दलील

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अभिषेक का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता गगन कुंभकार ने कहा था कि चिटफंड कंपनी से याचिकाकर्ता का कोई लेना-देना नहीं है, ना ही इस मामले में कोई सीधा आरोप है। इस मामले में उनका नाम जबरन घसीटा जा रहा है। इसलिए चल रही जांच को तत्काल रोका जाए और एफआईआर निरस्त की जाए। इस पर शासकीय महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा ने विरोध जताते हुए कहा था कि आम लोगों ने अपने खून-पसीने की कमाई इन बड़े लोगों के बहकावे में आकर की है। इनके प्रमोशन का ही परिणाम है कि हजारों लोगो ने अपने फिक्स डिपाजिट तुड़वाकर निवेश किया, अब पछता रहे हैं। इस पूरे मामले की पूरी जांच होनी चाहिए।
20 लोगों के खिलाफ परिवाद पेश किया है

ज्ञात हो कि अनमोल इंडिया ने अपने निवेशकों के माध्यम से निवेश कराया और लोगों के करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गई। अंबिकापुर के प्रेम सागर गुप्ता ने अंबिकापुर की विशेष न्यायालय में राजनांदगांव के सांसद अभिषेक सिंह(mp Abhishek Singh), पूर्व महापौर मधूसुदन यादव(Madhusudan Yadav), नरेश डाकलिया समेत 20 लोगों के खिलाफ परिवाद पेश किया है। कहा गया है कि चिटफंड कपनियों को प्रमोट करने में इनकी बड़ी भूमिका है। इनकी संलिप्तता की जांच हो तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। कोर्ट(bilaspur high court) के आदेश के बाद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर(Chit Fund scam) दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
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